नई दिल्ली: जम्मू और कश्मीर (Jammu And Kashmir) को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 (Article 370) को हटाये जाने के बाद से पाकिस्तान (Pakistan) दुनियाभर में खूब हाथ पैर-मार रहा है. लेकिन इस मुद्दे पर उसे किसी भी देश या अंतरराष्ट्रीय संगठन का साथ नहीं मिल पा रहा है. अमेरिका, रूस, चीन और सऊदी अरब सहित कई बड़े देशों ने पाकिस्तान से पल्ला झाड़ लिया है. जबकि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद और इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) ने भी हस्तक्षेप करने से मना कर दिया है.
जम्मू-कश्मीर पर भारत के फैसले का रूस ने खुलकर समर्थन किया है. रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव और उनके पाकिस्तानी समकक्ष शाह महमूद कुरैशी ने बुधवार को टेलीफोन पर बातचीत की और रूस ने कहा कि पाकिस्तान और भारत के बीच के मतभेदों को दूर करने के लिए एकमात्र तरीका राजनीतिक और कूटनीतिक माध्यम ही हैं.
जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा प्रदान करने वाले अनुच्छेद 370 को समाप्त किए जाने तथा राज्य को दो केंद्रशासित क्षेत्रों में विभाजित करने के भारत सरकार के फैसले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच पैदा तनाव पर बातचीत करने के लिए कुरैशी ने लावरोव को फोन किया.
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रूसी विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि रूसी पक्ष ने तनाव में कमी लाने की आवश्यकता पर जोर दिया और कहा कि पाकिस्तान तथा भारत के बीच मतभेदों को सुलझाने के लिए राजनीतिक और कूटनीतिक माध्यम के अलावा कोई विकल्प नहीं है. बयान में कहा गया है कि संयुक्त राष्ट्र में रूसी प्रतिनिधि इस रूख पर कायम हैं.
गौरतलब हो कि जम्मू और कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त किये जाने के बाद पाकिस्तान ने भारत के साथ सभी व्यापारिक संबंधों को औपचारिक तौर पर समाप्त कर दिया है. साथ ही भारतीय राजनयिकों को भी देश छोड़ने के लिए कह दिया है. पाकिस्तान कश्मीर मामले को अंतरराष्ट्रीय मुद्दा बनाना चाहता है लेकिन उसे हर तरफ से मुंह की खानी पड़ी है. इसलिए पाकिस्तान की बौखलाहट बढ़ती ही जा रही और वह बार-बार भारत को गीदड़ भभकी दे रहा है.