
ISRO’s Rocket Launch Test: उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले में जंगलीपट्टी गांव के पास एपी बांध क्षेत्र में इसरो ने रॉकेट के माध्यम से उपग्रह का सफल लॉन्च टेस्ट किया है. ये टेस्ट इसरो और थ्रस्ट टेक इंडिया लिमिटेड के वैज्ञानिकों की देखरेख में किया गया.इसे पूरी तरह सफल बताया गया है.यह परीक्षण कुशीनगर के तमकुहीराज तहसील स्थित जंगलीपट्टी गांव के पास एपी बांध क्षेत्र में किया गया.यहां मौजूद वैज्ञानिकों और तकनीकी विशेषज्ञों ने शाम को 5 बजकर 14 मिनट और 33 सेकंड पर रॉकेट को लॉन्च किया. यह रॉकेट करीब 1.1 किलोमीटर की ऊंचाई तक पहुंचा.जैसे ही रॉकेट अपनी अधिकतम ऊंचाई पर पहुंचा, उसमें से एक छोटा उपग्रह बाहर निकला.इस उपग्रह ने जैसे ही धरती की ओर गति की, लगभग 5 मीटर नीचे आते ही उसका पैराशूट खुल गया.
जिससे वह करीब 400 मीटर की दूरी पर सुरक्षित उतरा. वैज्ञानिकों ने बताया कि 15 किलो वजनी रॉकेट भी सुरक्षित रूप से नीचे उतारा गया. इस वीडियो को सोशल मीडिया X पर @airnews_pune नाम के हैंडल से शेयर किया गया है. ये भी पढ़े:ISRO SPADEX Mission: इसरो ने रचा इतिहास, अंतरिक्ष में 2 सैटेलाइट जोड़ने वाला चौथा देश बना भारत, PM मोदी ने वैज्ञानिकों को सफलता के लिए दी बधाई
इसरो ने रॉकेट के माध्यम से सॅटॅलाइट का सफल लॉन्च टेस्ट किया
उत्तर प्रदेशातील कुशीनगरमध्ये #इस्रोची ऐतिहासिक यशस्वी रॉकेट प्रक्षेपण चाचणी.#इस्रो आणि Thrust Tech India Limited यांच्या सहकार्याने करण्यात आलेल्या या चाचणीत उत्तरप्रदेशातून पहिल्यांदाच रॉकेटद्वारे सॅटेलाईट लाँच करण्यात आलं. #ISRO #Kushinagar #UttarPradesh #RocketLaunch pic.twitter.com/0r4BpKWtzL
— AIR News Pune (@airnews_pune) June 15, 2025
युवाओं के लिए बड़ी योजना का रिहर्सल
इसरो के वैज्ञानिक अभिषेक सिंह ने बताया कि यह परीक्षण एक बड़े राष्ट्रीय कार्यक्रम की तैयारी का हिस्सा है, जो आगामी अक्टूबर-नवंबर महीने में आयोजित किया जाएगा. इस आयोजन में देशभर के छात्रों द्वारा बनाए गए 900 सॅटॅलाइट का परीक्षण किया जाएगा. यह भविष्य की अंतरिक्ष परियोजनाओं के लिए मार्ग प्रशस्त करेगा.वैज्ञानिकों ने इस बात पर जोर दिया कि यह उत्तर प्रदेश में पहली बार हुआ है कि सीधे रॉकेट के माध्यम से उपग्रह प्रक्षेपित किया गया. इससे पहले, अहमदाबाद में ड्रोन के जरिए कुछ परीक्षण किए गए थे, लेकिन रॉकेट लॉन्चिंग का यह अनुभव बिल्कुल अलग और अहम था.
बच्चों और युवाओं में जागेगी वैज्ञानिक चेतना
इन-स्पेस निदेशक विनोद कुमार ने कहा कि इस तरह के परीक्षणों का उद्देश्य केवल तकनीकी दक्षता दिखाना नहीं, बल्कि देशभर के बच्चों और युवाओं को अंतरिक्ष विज्ञान के प्रति प्रेरित करना भी है. इन-स्पेस, अंतरिक्ष विभाग (DoS) के अंतर्गत कार्य करने वाला एक स्वायत्त निकाय है, जो निजी प्रयासों और नवाचार को बढ़ावा देता है.
टेस्ट पूरी तरह सफल
पूरे अभियान को सफल घोषित करते हुए वैज्ञानिकों ने बताया कि यह परीक्षण आगे की योजनाओं के लिए एक मजबूत नींव रखता है. यह रॉकेट परीक्षण न केवल तकनीकी रूप से सफल रहा, बल्कि उत्तर प्रदेश को भारत के अंतरिक्ष मानचित्र पर एक नई पहचान भी दिलाई.