ITR Filing 2025: जल्दी करें! आयकर रिटर्न भरने के लिए सिर्फ 15 दिन का समय, इन डॉक्यूमेंट्स को रखें तैयार
ITR Filing 2025

ITR Filing 2025: आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल करना अक्सर लोगों के लिए सिरदर्द साबित होता है. आखिरी समय में कागजात जुटाने की परेशानी और पोर्टल पर बढ़ता लोड, दोनों ही चीजें इस प्रक्रिया को और जटिल बना देती हैं. इस बार सरकार ने वित्तीय वर्ष 2024-25 (आकलन वर्ष 2025-26) के लिए ITR दाखिल करने की समय सीमा बढ़ाकर 15 सितंबर 2025 कर राहत दी है. यह छूट उन करदाताओं (Taxpayers) को दी गई है, जिनके खातों का ऑडिट कराना जरूरी नहीं है. वहीं, जिन पर ऑडिट लागू है, उनके लिए तारीख पहले जैसी ही है. कर विशेषज्ञों का कहना है कि आखिरी समय में फाइल करने से गलतियों की संभावना बढ़ जाती है.

ऐसे में सबसे अच्छा तरीका यही है कि समय रहते ज़रूरी दस्तावेज जुटा लिए जाएं इससे न सिर्फ रिटर्न दाखिल करना आसान होता है, बल्कि रिफंड प्रक्रिया भी समय पर पूरी हो जाती है.

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किन दस्तावेजों की होगी जरूरत?

सबसे जरूरी डॉक्यूमेंट  (Form 16) है, जो नियोक्ता (Employer) द्वारा दिया जाता है. इसमें वेतन, भत्ते और TDS का पूरा विवरण होता है. इस फॉर्म से पोर्टल पर पहले से भरे गए डेटा की आसानी से पुष्टि की जा सकती है. अगर आपने साल भर में शेयर, Mutual Funds या कोई संपत्ति खरीदी-बेची है, तो कैपिटल गेन स्टेटमेंट भी तैयार रखना होगा. इससे शॉर्ट टर्म और लॉन्ग टर्म गेन में फर्क करके सही टैक्स कैलकुलेशन किया जा सकता है.

इसके अलावा, Income Tax Portal से डाउनलोड किए गए Annual Information Statement (AIS), Taxpayer Information Summary (TIS) और Form 26AS भी बेहद जरूरी हैं. इनमें बैंक ब्याज, Dividends, किराया, Security Transactions और यहां तक कि विदेशी ट्रांसफर की जानकारी होती है. इनसे आप अपने टीडीएस और घोषित आय की दोबारा जांच कर सकते हैं.

कटौतियों और विदेशी आय पर रखें नजर

बैंक और डाकघर से प्राप्त ब्याज प्रमाणपत्र (Interest Certificate) और खाता विवरण सुरक्षित रखें. अगर आपके पास कोई विदेशी आय या गैर-सूचीबद्ध शेयर हैं, तो उनका विवरण पहले से तैयार रखें. पुरानी कर प्रणाली चुनने वालों के लिए निवेश और व्यय का प्रमाण बहुत जरूरी हो जाता है. जैसे धारा 80C, 80D, 80TTA के तहत छूट के लिए निवेश का प्रमाण. इसी तरह, HRA और LTA पर छूट पाने के लिए Rent agreement और travel bill भी जरूरी हैं.

अंत में, ध्यान रखें कि पैन, आधार और बैंक खाते का विवरण सही दर्ज किया जाना चाहिए. अगर बैंक विवरण गलत हैं, तो टैक्स रिफंड में देरी हो सकती है. इस बार सरकार ने तारीख बढ़ाकर 15 सितंबर कर दी है, लेकिन बेहतर होगा कि दस्तावेज समय पर जमा कर लिए जाएं. ताकि आखिरी समय की भागदौड़ और गलतियों से बचा जा सके.