Ayodhya: रामलला के दर्शन के लिए दूसरे दिन भी भारी भीड़, हनुमान गढ़ी से लेकर राम मंदिर के भीतर तक ऐसी है सुरक्षा
Ayodhya Ram Mandir | PTI

अयोध्या: राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद भक्तों के लिए मंदिर के कपाट कल से खुल चुके हैं. आम लोगों के दर्शन के लिए मंदिर खोलने के बाद पहले दिन मंगलवार (23 जनवरी) को भारी भीड़ उमड़ी. रामलला के दर्शन के लिए भक्त इस कदर बेताब थे कि पहले ही दिन करीब 5 लाख लोगों ने दर्शन किए. श्रद्धालुओं का ऐसा ही सैलाब आज भी है. इस जनसैलाब को संभालने के लिए 8000 पुलिसकर्मी ड्यूटी पर लगाए गए हैं. हालांकि, अत्यधिक भीड़ के चलते प्रशासन को फिर भी कुछ दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. सोमवार को श्री राम जन्मभूमि मंदिर में पीएम मोदी की मौजूदगी में प्राण प्रतिष्ठा समारोह संपन्न किया गया है. इसके बाद बड़ी संख्या में लोग अयोध्या धाम पहुंच रहे हैं. भक्तों की खुशी, भावुक पल... पीएम मोदी ने शेयर किया राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा का Video, बोले- सालों तक यादों में अंकित रहेगा.

अयोध्या के राम मंदिर में आज भी दर्शन के लिए भक्तों में जबरदस्त उत्साह है. मंगला आरती के साथ ही दर्शन निरंतर जारी है. मौके पर प्रमुख सचिव संजय प्रसाद, डीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार और स्थानीय अधिकारी मौजूद हैं.

अयोध्या में भक्तों का सैलाब

श्रद्धालुओं को लगातार आरामदायक दर्शन सुनिश्चित कराने के लिए पुलिस और प्रशासन अलर्ट पर है. प्रमुख सचिव-गृह संजय प्रसाद और स्पेशल डीजी-लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार राम मंदिर में मौजूद रहकर व्यवस्था देख रहे हैं. अयोध्या में हनुमान गढ़ी मंदिर के बाहर पुलिस की तैनाती बढ़ाई गई है.

हनुमान गढ़ी मंदिर के बाहर मौजूद पुलिस

अयोध्या राम मंदिर में दर्शन के लिए पहुंच रही लोगों की भारी भीड़ पर उत्तर प्रदेश के डीजी (कानून-व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने बताया, "प्रमुख गृह सचिव और मुझे यहां व्यवस्थाओं को देखने के लिए भेजा गया है... हमने भीड़ प्रबंधन के लिए कतार प्रणाली में सुधार किया है..."

भीड़ को ऐसे संभाल रही पुलिस

सुरक्षा के इंतजामों पर आरएएफ डिप्टी कमांडेंट अरुण कुमार तिवारी ने बताया, "कल लोगों को जो परेशानी हुई, आज हमने उसे दुरुस्त करने की कोशिश की है. हमारे लगभग 1000 सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की गई है. ये तैनाती आने वाले दिनों में भी जारी रहेगी."

आईजी रेंज अयोध्या प्रवीण कुमार ने कहा, "भीड़ लगातार मौजूद है लेकिन उसके लिए व्यवस्थाएं की जा रही हैं... हम बुजुर्ग और दिव्यांग लोगों से अपील करते हैं कि वे दो सप्ताह बाद अपनी यात्रा का कार्यक्रम बनाएं."