नई दिल्ली: अगर आप सोना या चांदी खरीदने का मन बना रहे हैं, तो आपके लिए बड़ी खबर है. पिछले चार दिनों से सोने-चांदी की कीमतों में जो आग लगी हुई थी, वो अब बुझती दिख रही है. बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद बाजार में ऐसी हलचल मची कि सोने-चांदी के दाम धड़ाम हो गए.
शुक्रवार को बाजार बंद होते-होते सोने और चांदी, दोनों की कीमतों में भारी गिरावट देखी गई. यह गिरावट आज, यानी 15 नवंबर, शनिवार को भी जारी रहने की संभावना है.
सोने-चांदी में कितनी बड़ी गिरावट हुई?
इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन (IBJA) के मुताबिक, शुक्रवार को बाजार में बड़ी बिकवाली देखी गई.
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सोना (Gold): 24 कैरेट सोने के भाव में एक ही दिन में 1,760 रुपये प्रति 10 ग्राम की बड़ी गिरावट आई. जो सोना गुरुवार को 1,26,554 रुपये पर बंद हुआ था, वो शुक्रवार को सीधे 1,24,794 रुपये प्रति 10 ग्राम पर आ गया.
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चांदी (Silver): चांदी ने तो सोने से भी बड़ी गोता लगाई. चांदी की कीमत में 4,400 रुपये प्रति किलो से ज्यादा की गिरावट दर्ज की गई. चांदी का भाव 1,63,808 रुपये से गिरकर 1,59,367 रुपये प्रति किलो पर पहुंच गया.
सिर्फ 24 कैरेट ही नहीं, बल्कि 22 कैरेट सोने का भाव भी 1,15,923 रुपये से घटकर 1,14,311 रुपये प्रति 10 ग्राम पर आ गया है.
आज 15 नवंबर को आपके शहर में क्या है भाव?
आज शनिवार को भी बाजार इन्हीं घटी हुई कीमतों के आसपास खुला है. देश के कुछ बड़े शहरों में 24 कैरेट सोने (10 ग्राम) और चांदी (1 किलो) के भाव लगभग ये चल रहे हैं:
(नोट: ये भाव अनुमानित हैं और स्थानीय टैक्स (जैसे GST, मेकिंग चार्ज) के आधार पर आपके शहर के ज्वैलर के पास थोड़े अलग हो सकते हैं.)
वायदा बाजार और अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी मंदी
यह गिरावट सिर्फ भारत के हाजिर बाजार में नहीं है, बल्कि वायदा बाजार (MCX) और अंतरराष्ट्रीय बाजार (COMEX) में भी मंदी का रुख है.
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MCX (भारत): मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज पर 5 दिसंबर 2025 कॉन्ट्रैक्ट वाले सोने का दाम 3.29% गिरकर 1,22,575 रुपये पर आ गया. वहीं, चांदी 4.68% की बड़ी गिरावट के साथ 1,54,870 रुपये पर ट्रेड कर रही है.
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COMEX (इंटरनेशनल): अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना 3.15% गिरकर 4,062.30 डॉलर प्रति औंस पर आ गया है. इसका असर भी भारतीय कीमतों पर पड़ रहा है.
आखिर क्यों गिरे सोने-चांदी के दाम?
बाजार के जानकारों का कहना है कि इस गिरावट के पीछे घरेलू और अंतरराष्ट्रीय, दोनों कारण हैं.
एलकेपी सिक्योरिटीज के एक्सपर्ट जतिन त्रिवेदी का कहना है कि बिहार चुनाव के नतीजों के बाद बाजार में थोड़ी घबराहट में बिकवाली हुई. लेकिन असली वजह अंतरराष्ट्रीय है.
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फेडरल रिजर्व का बयान: अमेरिका के सेंट्रल बैंक (फेडरल रिजर्व) के अधिकारियों ने संकेत दिए हैं कि वे ब्याज दरों में कटौती करने में देरी कर सकते हैं. जब ब्याज दरें नहीं घटती हैं, तो निवेशक सोने की जगह डॉलर में पैसा लगाना पसंद करते हैं.
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मजबूत डॉलर: डॉलर इंडेक्स मजबूत हो गया है. जब डॉलर मजबूत होता है, तो सोने की कीमत आमतौर पर गिर जाती है, क्योंकि यह अन्य करेंसी वालों के लिए महंगा हो जाता है.
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मुनाफावसूली: पिछले 4 दिनों की तेजी के बाद निवेशकों ने अपना मुनाफा भी बेचा, जिससे कीमतों पर दबाव बढ़ा.
एक्सपर्ट्स का मानना है कि आने वाले दिनों में सोने की कीमतें 1,24,000 रुपये से 1,27,500 रुपये के दायरे में अस्थिर रह सकती हैं.













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