देश के कई राज्य इन दिनों प्राकृति आपदा से जूझ रहे हैं. वहीं बिहार में भारी बारिश के चलते गंगा, सोन, गंडक समेत उत्तर बिहार की तमाम छोटी-बड़ी नदियां ऊफान पर हैं और राज्य में बाढ़ से हालात बेकाबू होते नजर आ रहे हैं. जल स्तर बढ़ने से गंगा से सटे इलाकों में हालात और भी चिंताजनक हैं. ज्यादातर गंगा घाट पहले ही पानी में डूब चुके हैं.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पटना सटे हाथीदह इलाके में गंगा का जलस्तर अपना पुराना रिकार्ड तोड़ चुका है. विशेषज्ञों के मुताबिक, गंगा का जलग्रहण इलाके में मानसून फिर से सक्रियता बढ़ाता है एक बार फिर बाढ़ का खतरा बन सकता है. वहीं बक्सर से कहलगांव तक गंगा खतरे के निशान से काफी ऊपर बह रही है.
गंगा की सहायक नदियों में पुनपुन मात्र नौ सेंटीमीटर नीचे उतरी है. लेकिन राजधानी पटना के श्रीपालपुर में गंगा खतरे के निशान से 1.68 मीटर ऊपर बह रही है. पटना के हाथीदह में गंगा ने पिछले सारे रिकार्ड तोड़ दिए हैं वह 43.21 मीटर का नया एचएफएल (हाई फ्लड लेबल) बना चुकी है.
वहीं बिहार में आई बाढ़ से शेखपुरा के टाल क्षेत्र के 12 से ज्यादा गांव पानी की चपेट में आ गए हैं जबकि घाटकुसुम्भा प्रखंड में भी कई गांव बाढ़ की चपेट में है. बिहार में आई भीषण बाढ़ से कई मार्गों का संपर्क टूट चुका है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बिहार की 26 ऐसी प्रमुख सड़के हैं जो बाढ़ की चपेट में हैं. वहीं भागलपुर के कहलगांव में नेशनल हाइवे (NH 80) पर बना एक पुल ढह गया है.