असम में मशालों के साथ सड़कों पर क्यों उतरे छात्र? जानें क्या है प्रदर्शनकारियों की मांग
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गुवाहाटी: असम (Assam) में इन दिनों माहौल तनावपूर्ण है. धुबरी के गोलकगंज (Golakganj) इलाके में कोच-राजबोंगशी समुदाय को अनुसूचित जनजाति (ST) का दर्जा देने की मांग को लेकर छात्रों का प्रदर्शन अचानक हिंसक हो गया. बुधवार रात को शुरू हुआ यह आंदोलन अब पूरे जिले में उबाल ला चुका है. बुधवार रात ऑल कोच-राजबोंगशी स्टूडेंट्स यूनियन (AKRSU) ने चिलाराय कॉलेज से गोलकगंज बाजार तक मशाल रैली निकाली. उनका मकसद था कोच-राजबोंगशी समुदाय को ST दर्जा और अलग 'कामतापुर' राज्य की मांग को तेज करना. हजारों लोग सड़कों पर उतर आए, लेकिन बीच रास्ते में पुलिस और अर्धसैनिक बलों ने रैली को रोक दिया.

प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि पुलिस ने शांतिपूर्ण रैली पर अचानक लाठीचार्ज कर दिया, जिसमें कई लोग, खासकर महिलाएं, घायल हो गईं. इस घटना से नाराज होकर AKRSU ने गुरुवार को धुबरी में 12 घंटे का बंद बुलाया.

बंद का असर और सुरक्षा व्यवस्था

बंद के दौरान सड़कों पर बैरिकेड्स लगाए गए, बाजार पूरी तरह से बंद रहे और सीमावर्ती इलाके में सुरक्षा बल तैनात कर दिए गए. जिला प्रशासन ने हालात को काबू में रखने के लिए चौकसी बढ़ा दी.

ST दर्जे की पुरानी मांग

कोच-राजबोंगशी अकेले नहीं हैं. ताई-अहोम, चुटिया, मतक, मोरान और चाय जनजाति जैसी पांच और समुदाय भी दशकों से ST का दर्जा मांग रहे हैं. उनका मानना है कि इससे उनकी भूमि के अधिकार, संस्कृति की पहचान और आर्थिक सुरक्षा को मजबूती मिलेगी.

हाल ही में मोरान स्टूडेंट्स यूनियन ने भी पूर्वी असम के मर्गेरिटा में 20,000 से ज्यादा लोगों के साथ विशाल रैली निकाली थी. AKRSU ने इसके साथ कामतापुर राज्य की मांग को भी दोबारा तेज़ कर दिया है.

सरकार की प्रतिक्रिया

मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा (Himanta Biswa Sarma) ने इस घटना को “दुर्भाग्यपूर्ण” बताया और जांच के आदेश दिए. गोलकगंज थाने के प्रभारी को निलंबित किया गया, जबकि गौरीपुर थाने के प्रभारी को ड्यूटी से हटा दिया गया. जिले के पुलिस अधीक्षक और दो DSPs पर उच्चस्तरीय जांच शुरू की गई है, जिसकी रिपोर्ट पांच दिनों में पेश होगी.

राज्य के सार्वजनिक स्वास्थ्य इंजीनियरिंग मंत्री जयंत मल्ला बरुआ धुबरी पहुंचे, घायलों से मिले और समुदाय के नेताओं से शांति बनाए रखने की अपील की. सरमा ने कहा, “कोई गंभीर रूप से घायल नहीं है, लेकिन अगर किसी पुलिसकर्मी की गलती साबित हुई, तो सख्त कार्रवाई होगी.”

विपक्ष का हमला

कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई (Gaurav Gogoi) ने छात्रों पर “निर्दयी हमले” की निंदा करते हुए आरोप लगाया कि बीजेपी सरकार “मूलनिवासी समुदायों की गरिमा को नजरअंदाज़” कर रही है. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) से भी अपील की कि वे छह असमिया समुदायों को ST दर्जा देने का वादा पूरा करें.

असम जातीय परिषद (AJP) के अध्यक्ष लुरिनज्योति गोगोई ने सरकार पर जनजातीय समूहों की समस्याओं के प्रति उदासीनता का आरोप लगाया.

CM ने क्या कहा?

हिमंत बिस्वा सरमा सरकार ने आश्वासन दिया है कि नवंबर विधानसभा सत्र में छह समुदायों की ST मांग पर विस्तृत रिपोर्ट पेश की जाएगी. लेकिन छात्रों और समुदायों की चेतावनी है कि अगर जल्द बातचीत शुरू नहीं हुई, तो आंदोलन और उग्र हो सकता है.