EPFO New Scheme: कर्मचारियों के हित में एक बड़ा कदम उठाते हुए कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने अपने 73वें स्थापना दिवस के मौके पर एक महत्वपूर्ण घोषणा की है. केंद्र सरकार ने ‘कर्मचारी नामांकन अभियान 2025’ (Employees Enrolment Campaign 2025) की शुरुआत की है, जिसका मकसद उन कर्मचारियों को भविष्य निधि (PF) की सुविधा से जोड़ना है जो किसी कारणवश अब तक इस सुरक्षा के दायरे से बाहर रह गए थे.
इस अवसर पर केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने ईपीएफओ की नई वेबसाइट epfo.gov.in भी लॉन्च की, जो अब पहले से अधिक सरल, यूज़र-फ्रेंडली और सभी सेवाओं तक आसान पहुंच प्रदान करती है. उन्होंने कहा कि ईपीएफओ केवल एक फंड नहीं, बल्कि देश के लाखों श्रमिकों के जीवन में भरोसे और आर्थिक सुरक्षा का प्रतीक बन चुका है.
क्या है कर्मचारी नामांकन अभियान 2025? (What is Employee Enrollment Campaign 2025?)
यह योजना एक विशेष एकमुश्त अवसर (One-Time Opportunity) प्रदान करती है, जिसके तहत नियोक्ताओं को उन कर्मचारियों को भविष्य निधि प्रणाली में शामिल करने की अनुमति दी गई है, जो 1 जुलाई 2017 से 31 अक्टूबर 2025 के बीच नौकरी पर जुड़े थे लेकिन किसी कारणवश पीएफ के दायरे से बाहर रह गए थे. इस अभियान के तहत 1 नवंबर 2025 से 30 अप्रैल 2026 तक यानी कुल 6 महीने की अवधि में नियोक्ता अपने पुराने रिकॉर्ड को सुधार सकते हैं, और ऐसे कर्मचारियों को ईपीएफ से जोड़ सकते हैं. यह पहल नियोक्ताओं को अपने वर्तमान या पूर्व कर्मचारियों को औपचारिक सामाजिक सुरक्षा प्रणाली में लाने का अवसर देती है.
कौन कर सकता है आवेदन? (Eligibility Criteria)
इस योजना के तहत कोई भी कंपनी या संस्थान, चाहे वह पहले से ईपीएफ में पंजीकृत हो या नहीं, इस अभियान का हिस्सा बन सकता है. नियोक्ता उन कर्मचारियों को पंजीकृत कर सकते हैं, जिन्होंने 1 जुलाई 2017 से 31 अक्टूबर 2025 के बीच काम शुरू किया है. शर्त यह है, कि कर्मचारी वर्तमान में जीवित और कार्यरत होना चाहिए. इन कर्मचारियों की अनुपालन (Compliance) उसी माह से मानी जाएगी, जिसमें नियोक्ता उनका जॉइनिंग डिक्लेरेशन (Joining Declaration) ईपीएफओ पोर्टल पर सबमिट करेगा.
योजना के फायदे (Benefits of Registration)
इस अभियान का सबसे बड़ा फायदा यह है, कि अगर किसी कर्मचारी का पहले ईपीएफ योगदान (Employee Share) नहीं काटा गया था, तो उसे अब माफ कर दिया जाएगा. नियोक्ता को केवल अपने हिस्से का योगदान, साथ ही धारा 7Q के तहत ब्याज और प्रशासनिक शुल्क (Administrative Charges) देना होगा.
इसके अलावा, सिर्फ 100 रुपये का एकमुश्त जुर्माना (Penalty) भरने पर कंपनी को निम्नलिखित तीनों योजनाओं के तहत अनुपालन (Compliance) माना जाएगा -
- ईपीएफ योजना, 1952 (EPF Scheme, 1952)
- ईडीएलआई योजना, 1976 (EDLI Scheme, 1976)
- ईपीएस योजना, 1995 (EPS Scheme, 1995)
इस प्रक्रिया के बाद कर्मचारी को इन सभी योजनाओं के संपूर्ण लाभ प्राप्त होंगे, जिससे उनका भविष्य अधिक सुरक्षित और स्थिर बनेगा.
आवेदन कैसे करें? (How to Apply for EPFO Campaign 2025)
इस विशेष अभियान के तहत आवेदन की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होगी. नियोक्ताओं को निम्नलिखित चरणों का पालन करना होगा:
- सबसे पहले पात्र कर्मचारियों का यूएएन (Universal Account Number) जनरेट करना होगा, जो ‘Face Authentication’ के आधार पर किया जाएगा.
- इसके लिए ‘Umang App’ का उपयोग अनिवार्य है.
- इसके बाद नियोक्ता को ईपीएफओ पोर्टल पर लॉगिन करके संबंधित कर्मचारियों का डिक्लेरेशन (Declaration) सबमिट करना होगा.
- डिक्लेरेशन जमा करने के बाद इसे ‘Electronic Challan-cum-Return (ECR)’ से लिंक करना होगा.
- ध्यान रहे, प्रत्येक कर्मचारी के लिए केवल एक बार ही घोषणा की जा सकेगी, एक से अधिक घोषणाएँ स्वीकार नहीं की जाएंगी.
यह पूरी प्रक्रिया नियोक्ताओं को अपने कर्मचारियों को सुरक्षित भविष्य के दायरे में लाने का एक आसान और पारदर्शी तरीका प्रदान करती है.
उद्देश्य और महत्व (Purpose And Importance)
इस योजना का मुख्य उद्देश्य असंगठित क्षेत्र और छोटे प्रतिष्ठानों में काम करने वाले कर्मचारियों को सामाजिक सुरक्षा प्रणाली (Social Security System) के दायरे में लाना है. यह अभियान न केवल कर्मचारियों के हित में है, बल्कि नियोक्ताओं के लिए भी लाभदायक साबित होगा, क्योंकि इससे वे अपने रिकॉर्ड्स को नियमित (Regularise) कर सकेंगे और कानूनी अनुपालन (Legal Compliance) को सुनिश्चित कर पाएंगे.
सरकार की इस पहल का मकसद हर कर्मचारी तक वित्तीय सुरक्षा (Financial Security) और भविष्य की स्थिरता (Future Stability) पहुँचाना है, ताकि देश में एक मजबूत और समावेशी श्रम सुरक्षा तंत्र विकसित किया जा सके.













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