आपरेशन मुक्ति : भीख मांगने वाले 68 बच्चों को मिला पढ़ने का मौका, सरकारी स्कूलों में दिलाया गया दाखिला
बच्चे/प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits : File Photo)

देहरादून : उत्तराखंड पुलिस द्वारा भिक्षावृत्ति की प्रवृत्ति को सामप्त करने के लिये चलाये गये आपरेशन मुक्ति’ से 68 बच्चों को स्कूल में शिक्षा ग्रहण करने का मौका मिल गया है. इनमें से 11 वर्षीय राजू एक दृष्टिहीन बच्चा है जो अब देहरादून स्थित प्रतिष्ठित राष्ट्रीय दृष्टिबाधितार्थ संस्थान एनआइवीएच में रहकर पढाई करेगा . इसी प्रकार, 67 अन्य बच्चों को भी सरकारी स्कूलों में दाखिला दिलाया गया है .

दो महीने पूर्व शुरू हुए इस अभियान का मुख्य लक्ष्य बच्चों द्वारा की जा रही भिक्षावृत्ति पर प्रभावी रोकथाम, जागरूकता और भिक्षावृत्ति में लिप्त बच्चों का पुनर्वास है. अभियान के तहत पुलिस ने एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट भी बनाये और इन्हें प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर तैनात किया गया. चूंकि हरिद्वार में भिक्षावृत्ति ज्यादा पायी जाती है अत: वहां ज्यादा फोकस रखा गया. हर यूनिट में एक महिला पुलिसकर्मी की भी तैनाती की गयी.

देहरादून में भी शहर के ऐसे इलाके चिन्हित किये गये जहां बच्चे भिक्षावृत्ति में ज्यादा लिप्त रहते हैं . इन इलाकों में दर्शन लाल चौक, परेड ग्राउंड, एश्ले हॉल, आइएसबीटी, रिस्पना पुल, पैसिफिक मॉल, रेलवे स्टेशन, दिलाराम चौक, प्रिंस चौक, बल्लूपुर चौक आदि स्थानों पर लगातार अभियान चलाया गया.

प्रथम चरण में एक मई से 15 मई तक भिक्षावृत्ति में लिप्त बच्चों और उनके परिवारों का विवरण तैयार किया गया. द्वितीय चरण में 16 मई से लेकर 15 जून तक देहरादून शहर के समस्त स्कूलों, कॉलेजों और सार्वजनिक स्थानों, सिनेमाघरों और बस तथा रेलवे स्टेशनों तथा धार्मिक स्थानों पर बच्चों को भिक्षा न देने के लिये जनता के बीच जागरूकता अभियान चलाया गया.

इसके लिये पुलिस ने बैनर, पोस्टर, पैम्फलेट, नुक्कड़ नाटक, धार्मिक स्थलों में लाउड स्पीकर, सिनेमाघरों में लघु फिल्में, सोशल मीडिया के माध्यमों का भी उपयोग जागरूकता फैलाने के लिये किया. एक अन्य कार्रवाई में तीन महिलाओं के खिलाफ अभियोग पंजीकृत किया गया क्योंकि उन्होंने बच्चों को जबरन भिक्षावृत्ति में धकेला था.

बच्चों के परिवारजनों को भी समझाया गया कि भिक्षावृत्ति एक बुराई है. तृतीय चरण में 16 जून से तीस जून तक भिक्षावृत्ति में लिप्त बच्चों को इससे हटाकर उनके परिजनों के खिलाफ अभियोग पंजीकृत कर कार्रवाई करना तथा किसी प्रकार का संदेह होने पर डीएनए टेस्ट की कार्रवाई करना शामिल है.

अभियान के तहत भीख मांगने, कूडा बीनने, गुब्बारा बेचने आदि कार्यों में लगे 292 बच्चों का विवरण तैयार किया गया. पुलिस उपाधीक्षक और इस अभियान के नोडल अधिकारी शेखर सुयाल ने बताया कि अभी तक 68 बच्चों को सरकारी स्कूलों में दाखिल करवा दिया गया है .