सोशल मीडिया पर एक पत्र वायरल हो रहा है, जिसमें दावा किया गया कि भारतीय नौसेना के अधिकारी कैप्टन शिव कुमार सिंह, जो इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में भारतीय दूतावास में डिफेंस अटैशे हैं, को भारत वापस बुला लिया गया है. वायरल पोस्ट में दावा किया गया कि उन्होंने "ऑपरेशन सिंदूर" के दौरान हुए एयरक्राफ्ट लॉस के लिए राजनीतिक नेतृत्व को जिम्मेदार ठहराया था, जिसके चलते उन्हें समय से पहले ही हटाया गया.
यह फर्जी पत्र एक एक्स (X) यूजर ने साझा किया था, जिसमें लिखा था, "सच बोलने की कीमत. जकार्ता में भारतीय रक्षा अटैशे कैप्टन शिव कुमार सिंह को समय से पहले भारत बुला लिया गया और अब उन्हें नौसेना इंटेलिजेंस को रिपोर्ट करने के लिए कहा गया है." दावे के अनुसार, उन्होंने कथित तौर पर सरकारी नेतृत्व पर एयरक्राफ्ट क्रैश के लिए आरोप लगाया था.
PIB फैक्ट चेक ने किया खुलासा: पत्र पूरी तरह फर्जी
A #fake letter falsely attributed to the Ministry of Home Affairs, claiming the recall of Captain (Indian Navy) Shiv Kumar, Defence Attaché at the Indian Embassy in Jakarta, is circulating on social media.#PIBFactCheck
✅ The letter is part of a misinformation campaign by… pic.twitter.com/h7AZ9xrzPB
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) July 8, 2025
कैप्टन शिव कुमार अपने पद पर कार्यरत
भारत सरकार के प्रेस सूचना ब्यूरो (PIB) की फैक्ट चेक यूनिट ने इस पत्र की जांच कर इसे पूरी तरह फर्जी करार दिया है. PIB ने स्पष्ट किया कि, कैप्टन शिव कुमार अपने पद पर कार्यरत हैं और उन्हें वापस नहीं बुलाया गया है. यह पत्र पाकिस्तानी सोशल मीडिया हैंडल्स द्वारा फैलाया गया एक प्रोपेगेंडा है, जिसका उद्देश्य भारत में भ्रम और अस्थिरता फैलाना है. गृह मंत्रालय (Ministry of Home Affairs) इस तरह के आदेश देने के लिए अधिकृत नहीं है. इस रैंक के नौसेना अधिकारियों की पोस्टिंग और रीकॉल का अधिकार केवल रक्षा मंत्रालय (नौसेना मुख्यालय) को है.
गौरतलब है कि 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए एक घातक आतंकी हमले के बाद भारत ने "ऑपरेशन सिंदूर" नामक जवाबी कार्रवाई शुरू की थी. इसी ऑपरेशन से जुड़े एक भारतीय वायुसेना के विमान हादसे को लेकर यह फर्जी दावा गढ़ा गया.
PIB ने भी अपील की है कि लोग इस फर्जी खबर को आगे न फैलाएं और ऐसे दावों की सच्चाई की जांच जरूर करें. कैप्टन शिव कुमार पूरी तरह से सेवा में हैं और देश की सेवा कर रहे हैं.













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