Stubble Burning: दिल्ली-NCR में वायु गुणवत्ता के मुद्दों पर नजर रखने वाली कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (CAQM) ने धान की पराली जलाने के मामले में गंभीरता बढ़ा दी है. इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, CAQM ने किसानों के धान के फसल के कटाई के मौसम के मद्देनजर पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और दिल्ली सरकार के साथ मिलकर इस समस्या का समाधान निकालने के लिए काम किया है. 2021 से 2023 के अनुभव के आधार पर, 2024 के लिए पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के NCR जिलों के लिए कार्य योजनाओं को अपडेट किया गया है. इन योजनाओं का उद्देश्य कटाई के दौरान पराली जलाने की प्रथा को खत्म करना है.
हालांकि, 15 सितंबर से 9 अक्टूबर के बीच पंजाब में 267 और हरियाणा में 187 पराली जलाने की घटनाएं सामने आई हैं. CAQM ने अपनी शक्तियों का उपयोग करते हुए संबंधित अधिकारियों को कार्रवाई करने का निर्देश दिया है.
इस कड़ी में जिले के अधिकारियों, जैसे डिप्टी कमिश्नर और जिला मजिस्ट्रेट, पराली जलाने के मामलों में लापरवाही के लिए कानूनी कार्रवाई कर सकते हैं. इसके साथ ही, CAQM ने निगरानी बढ़ाने और धान की पराली जलाने की घटनाओं को रोकने के लिए कड़े कदम उठाने का आदेश दिया है. पंजाब और हरियाणा के प्रमुख जिलों में 26 केंद्रीय टीमों को तैनात किया गया है, जो स्थानीय अधिकारियों के साथ मिलकर पराली प्रबंधन के लिए उपलब्ध संसाधनों का सही तरीके से उपयोग करने में मदद करेंगी.
इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए, चंडीगढ़ में एक पेडी स्टबल मैनेजमेंट सेल स्थापित की गई है, जो कार्रवाई की निरंतर निगरानी करेगी. यह पहल CAQM की वायु गुणवत्ता में सुधार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है.