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HC On Animal Cruelty Case: पशु क्रूरता के मामले में कोई भी निर्णय बड़ी संवेदनशीलता के साथ दिया जाना चाहिए- हाईकोर्ट

कोर्ट ने कहा कि पशुओं के प्रति किसी भी तरह की क्रूरता के मामले में अधिक संवेदनशीलता के साथ फैसला किया जाना चाहिए, क्योंकि जानवर न बोल सकते हैं, न अपने अधिकारों की मांग कर सकते हैं.

देश Bhasha|
HC On Animal Cruelty Case: पशु क्रूरता के मामले में कोई भी निर्णय बड़ी संवेदनशीलता के साथ दिया जाना चाहिए- हाईकोर्ट
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: Flickr)

नागपुर, 10 जून: बंबई हाई कोर्ट की नागपुर पीठ ने कहा है कि पशुओं के प्रति किसी भी तरह की क्रूरता के मामले में अधिक संवेदनशीलता के साथ फैसला किया जाना चाहिए, क्योंकि जानवर न बोल सकते हैं, न अपने अधिकारों की मांग कर सकते हैं.

न्यायमूर्ति जी. ए. सनप ने छह जून को पशु क्रूरता निवारण अधिनियम के तहत पुलिस द्वारा जब्त किये गये 49 मवेशियों की अभिरक्षा संबंधी याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की. विवरण के अनुसार, जानवरों को पुलिस द्वारा उस वक्त जब्त कर लिया गया था, जब उन्हें अमानवीय तरीके से ट्रकों में भरकर ले जाया जा रहा था. HC on False Case Of Sexual Assault: कोई भी महिला किसी निर्दोष व्यक्ति को झूठे यौन उत्पीड़न के केस में नहीं फंसा सकती है- इलाहाबाद हाई कोर्ट

याचिकाकर्ताओं ने यह दावा करते हुए मवेशियों की अभिरक्षा की मांग की है कि उनके पास जब्त जानवरों की खरीद-बिक्री के लाइसेंस हैं. नागपुर की ेवाला के घर फिर गूंजी किलकारी, मां चरण कौर ने दिया बेटे को जन्म, देखें पहली तस्वीर" title="BREAKING: सिद्धू मूसेवाला के घर फिर गूंजी किलकारी, मां चरण कौर ने दिया बेटे को जन्म, देखें पहली तस्वीर" /> BREAKING: सिद्धू मूसेवाला के घर फिर गूंजी किलकारी, मां चरण कौर ने दिया बेटे को जन्म, देखें पहली तस्वीर

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HC On Animal Cruelty Case: पशु क्रूरता के मामले में कोई भी निर्णय बड़ी संवेदनशीलता के साथ दिया जाना चाहिए- हाईकोर्ट

कोर्ट ने कहा कि पशुओं के प्रति किसी भी तरह की क्रूरता के मामले में अधिक संवेदनशीलता के साथ फैसला किया जाना चाहिए, क्योंकि जानवर न बोल सकते हैं, न अपने अधिकारों की मांग कर सकते हैं.

देश Bhasha|
HC On Animal Cruelty Case: पशु क्रूरता के मामले में कोई भी निर्णय बड़ी संवेदनशीलता के साथ दिया जाना चाहिए- हाईकोर्ट
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: Flickr)

नागपुर, 10 जून: बंबई हाई कोर्ट की नागपुर पीठ ने कहा है कि पशुओं के प्रति किसी भी तरह की क्रूरता के मामले में अधिक संवेदनशीलता के साथ फैसला किया जाना चाहिए, क्योंकि जानवर न बोल सकते हैं, न अपने अधिकारों की मांग कर सकते हैं.

न्यायमूर्ति जी. ए. सनप ने छह जून को पशु क्रूरता निवारण अधिनियम के तहत पुलिस द्वारा जब्त किये गये 49 मवेशियों की अभिरक्षा संबंधी याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की. विवरण के अनुसार, जानवरों को पुलिस द्वारा उस वक्त जब्त कर लिया गया था, जब उन्हें अमानवीय तरीके से ट्रकों में भरकर ले जाया जा रहा था. HC on False Case Of Sexual Assault: कोई भी महिला किसी निर्दोष व्यक्ति को झूठे यौन उत्पीड़न के केस में नहीं फंसा सकती है- इलाहाबाद हाई कोर्ट

याचिकाकर्ताओं ने यह दावा करते हुए मवेशियों की अभिरक्षा की मांग की है कि उनके पास जब्त जानवरों की खरीद-बिक्री के लाइसेंस हैं. नागपुर की निचली अदालत द्वारा याचिका खारिज किये जाने के बाद याचिकाकर्ताओं ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था.

उच्च न्यायालय ने कहा कि संबंधित मामले में, अधिकांश पशु दुधारू भैंस थी, जिन्हें वाहनों में ठूंस दिया गया था तथा वाहनों में पैडिंग आदि नहीं लगाए गए थे. अदालत ने कहा कि इसके अलावा, नियमों के अनुरूप पीने के पानी और चारे की कोई व्यवस्था नहीं की गयी थी और मवेशियों को बहुत ही क्रूर परिस्थितियों में ले जाया जा रहा था.

अदालत ने कहा, ‘‘जानवरों में एक इंसान के समान ही भावनाएं होती हैं. अंतर केवल इतना है कि जानवर बोल नहीं सकते हैं, इसलिए उनके अधिकारों को कानूनी मान्यता होने के बावजूद, वे इस पर जोर नहीं दे सकते. संबंधित व्यक्तियों द्वारा कानून के दायरे में जानवरों के अधिकारों का ध्यान रखना होगा.’’

अदालत ने कहा कि किसी भी रूप में जानवरों के प्रति क्रूरता के मामलों में बड़ी संवेदनशीलता के साथ फैसला किया जाना चाहिए. न्यायमूर्ति सनप ने शीर्ष अदालत के उस आदेश पर भरोसा जताया, जिसमें कहा गया था कि जानवरों के प्रति क्रूरता के आरोपों से जुड़े मामलों में, जानवरों के मालिकों को उन्हें सौंपना उचित नहीं था.

अदालत ने मामले के अंतिम फैसले तक मवेशियों के संरक्षण और कल्याण के लिए एक गौशाला को मवेशियों की अभिरक्षा लेने का निर्देश दिया.

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)

HC On Animal Cruelty Case: पशु क्रूरता के मामले में कोई भी निर्णय बड़ी संवेदनशीलता के साथ दिया जाना चाहिए- हाईकोर्ट
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: Flickr)

नागपुर, 10 जून: बंबई हाई कोर्ट की नागपुर पीठ ने कहा है कि पशुओं के प्रति किसी भी तरह की क्रूरता के मामले में अधिक संवेदनशीलता के साथ फैसला किया जाना चाहिए, क्योंकि जानवर न बोल सकते हैं, न अपने अधिकारों की मांग कर सकते हैं.

न्यायमूर्ति जी. ए. सनप ने छह जून को पशु क्रूरता निवारण अधिनियम के तहत पुलिस द्वारा जब्त किये गये 49 मवेशियों की अभिरक्षा संबंधी याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की. विवरण के अनुसार, जानवरों को पुलिस द्वारा उस वक्त जब्त कर लिया गया था, जब उन्हें अमानवीय तरीके से ट्रकों में भरकर ले जाया जा रहा था. HC on False Case Of Sexual Assault: कोई भी महिला किसी निर्दोष व्यक्ति को झूठे यौन उत्पीड़न के केस में नहीं फंसा सकती है- इलाहाबाद हाई कोर्ट

याचिकाकर्ताओं ने यह दावा करते हुए मवेशियों की अभिरक्षा की मांग की है कि उनके पास जब्त जानवरों की खरीद-बिक्री के लाइसेंस हैं. नागपुर की निचली अदालत द्वारा याचिका खारिज किये जाने के बाद याचिकाकर्ताओं ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था.

उच्च न्यायालय ने कहा कि संबंधित मामले में, अधिकांश पशु दुधारू भैंस थी, जिन्हें वाहनों में ठूंस दिया गया था तथा वाहनों में पैडिंग आदि नहीं लगाए गए थे. अदालत ने कहा कि इसके अलावा, नियमों के अनुरूप पीने के पानी और चारे की कोई व्यवस्था नहीं की गयी थी और मवेशियों को बहुत ही क्रूर परिस्थितियों में ले जाया जा रहा था.

अदालत ने कहा, ‘‘जानवरों में एक इंसान के समान ही भावनाएं होती हैं. अंतर केवल इतना है कि जानवर बोल नहीं सकते हैं, इसलिए उनके अधिकारों को कानूनी मान्यता होने के बावजूद, वे इस पर जोर नहीं दे सकते. संबंधित व्यक्तियों द्वारा कानून के दायरे में जानवरों के अधिकारों का ध्यान रखना होगा.’’

अदालत ने कहा कि किसी भी रूप में जानवरों के प्रति क्रूरता के मामलों में बड़ी संवेदनशीलता के साथ फैसला किया जाना चाहिए. न्यायमूर्ति सनप ने शीर्ष अदालत के उस आदेश पर भरोसा जताया, जिसमें कहा गया था कि जानवरों के प्रति क्रूरता के आरोपों से जुड़े मामलों में, जानवरों के मालिकों को उन्हें सौंपना उचित नहीं था.

अदालत ने मामले के अंतिम फैसले तक मवेशियों के संरक्षण और कल्याण के लिए एक गौशाला को मवेशियों की अभिरक्षा लेने का निर्देश दिया.

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)

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