
Iran Closed Strait of Hormuz: ईरान की संसद ने एक अहम कदम उठाते हुए होरमुज जलडमरूमध्य (Strait of Hormuz) को बंद करने का फैसला किया है. यह फैसला अमेरिका द्वारा ईरान के तीन परमाणु ठिकानों पर बमबारी के जवाब में लिया गया है. ईरान की सरकारी मीडिया Press TV ने इस खबर की पुष्टि की है. होरमुज जलडमरूमध्य को दुनिया के सबसे अहम तेल-गैस रूट्स में से एक माना जाता है. यहां से दुनिया की कुल तेल और गैस सप्लाई का पांचवां हिस्सा होकर गुजरता है. यह जलमार्ग फारस की खाड़ी को अरब सागर और हिंद महासागर से जोड़ता है.
इसकी चौड़ाई महज 33 किलोमीटर है, लेकिन असली शिपिंग लेन सिर्फ 3-3 किलोमीटर चौड़ी होती है. इसी वजह से यह क्षेत्र हमेशा से हमलों और ब्लॉकेज के लिए संवेदनशील रहा है.
ये भी पढें: ईरान के परमाणु प्रतिष्ठानों पर अमेरिका का हमला ‘गैर जिम्मेदाराना’ : रूस
Iran ने बंद किया होर्मुज जलडमरूमध्य
Iran parliament approves closure of Hormuz Strait, world's most critical oil corridor: State Mediahttps://t.co/mzkxfph2oQ pic.twitter.com/qlGvqu7016
— NDTV (@ndtv) June 22, 2025
तेल की कीमतों पर असर
ईरान के इस फैसले से सऊदी अरब, इराक, कुवैत, यूएई और कतर जैसे देशों की तेल आपूर्ति पर गहरा असर पड़ सकता है, क्योंकि इन देशों का अधिकांश कच्चा तेल इसी रूट से होकर जाता है. बाजार में इसका सीधा असर भी दिखने लगा है. विशेषज्ञों के मुताबिक, इस कदम से तेल की कीमतें $80 प्रति बैरल तक जा सकती हैं.
हालांकि, भारत की पेट्रोलियम कंपनियां और सरकार इस स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं और जल्दबाजी में कोई फैसला नहीं ले रही हैं.
भारत के लिए क्या मायने हैं?
भारत हर दिन करीब 5.5 मिलियन बैरल कच्चा तेल आयात करता है, जिसमें से लगभग 2 मिलियन बैरल होरमुज जलडमरूमध्य से होकर आता है. ऐसे में यह फैसला भारत के लिए चिंता की वजह बन सकता है. हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि भारत ने हाल के वर्षों में तेल के स्रोतों को विविधतापूर्ण बना लिया है. रूस, अमेरिका और ब्राजील जैसे देशों से भी भारत को तेल मिल रहा है, जो इस रूट पर निर्भर नहीं हैं.
इसके अलावा, भारत के लिए गैस की आपूर्ति पर असर कम होगा. भारत का सबसे बड़ा LNG सप्लायर कतर है, जो वैकल्पिक रूट से गैस भेजता है. साथ ही ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और रूस जैसे देश भी भारत को गैस सप्लाई करते हैं, जो इस बंदी से अप्रभावित रहेंगे.