खौफनाक VIDEO: स्विट्जरलैंड में ग्लेशियर टूटने से भारी तबाही, बर्फ, मिट्टी और चट्टानों के मलबे में दबा ब्लाटेन गांव

Switzerland Blatten Glacier Collapse: स्विट्जरलैंड के आल्प्स पहाड़ों में बसे खूबसूरत ब्लाटेन गांव के लिए 28 मई 2025 का दिन एक भयानक हादसे के तौर पर याद रखा जाएगा. यहां का बर्च ग्लेशियर अचानक टूटकर नीचे गांव पर गिर गया. इस भारी बर्फ, मिट्टी और चट्टानों के मलबे ने करीब 90% गांव को पूरी तरह दबा दिया. इस घटना ने न सिर्फ वहां के लोगों की ज़िंदगी बदल दी, बल्कि जलवायु परिवर्तन की गंभीरता को भी एक बार फिर से दुनिया के सामने रखा है.

क्या हुआ था?

कुछ दिन पहले से वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी थी कि बर्च ग्लेशियर अस्थिर हो गया है. 19 मई को गांव के लगभग 300 लोग सुरक्षित जगहों पर पहुंचा दिए गए थे. लेकिन 28 मई की दोपहर करीब 3:30 बजे, ग्लेशियर का बड़ा हिस्सा अचानक टूटकर नीचे गिर गया. इस मलबे में लाखों टन बर्फ और चट्टानें शामिल थीं. सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो में साफ दिखा कि कैसे एक विशाल धूल और मलबे का सैलाब पूरी जगह पर छा गया. इस हादसे ने ब्लाटेन के ज्यादातर घर, सड़कें और बाकी बुनियादी ढांचा तबाह कर दिया.

हादसे का असर

  • करीब 90% गांव मलबे में दब गया है.
  • पास के एक छोटे गांव रिएड में भी भारी नुकसान हुआ, जहां 1654 का एक ऐतिहासिक घर पूरी तरह गिर गया.
  • एक 64 वर्षीय व्यक्ति अभी भी लापता है, लेकिन खतरनाक हालात के कारण उसकी तलाश रोकनी पड़ी है.
  • मलबे ने लोनजा नदी को ब्लॉक कर दिया, जिससे पानी जमा होकर झील बन गई है. इससे आसपास के कुछ इलाके बाढ़ के खतरे में हैं.
  • स्विस सेना और राहत दल बचाव कार्यों में जुटे हैं, हेलीकॉप्टरों से बचाव सामग्री और जानवरों को सुरक्षित जगह पहुंचाया जा रहा है.

हादसे की वजह क्या है?

वैज्ञानिकों का मानना है कि इस हादसे का मुख्य कारण जलवायु परिवर्तन है. पिछले कुछ दशकों में स्विट्जरलैंड के पहाड़ों का तापमान करीब 3 डिग्री बढ़ गया है, जिससे ग्लेशियर तेज़ी से पिघल रहे हैं. बर्फ पिघलने से पहाड़ों की मिट्टी और चट्टानें कमजोर हो गई हैं, जिससे ग्लेशियर का भारी हिस्सा गिर गया. विशेषज्ञों के मुताबिक अगर ग्लोबल वार्मिंग को नहीं रोका गया तो आने वाले समय में ऐसे हादसे और भी बढ़ेंगे.

जलवायु परिवर्तन का असर

यह घटना हमें जलवायु परिवर्तन की गंभीरता की याद दिलाती है. ग्लेशियर के पिघलने से न केवल पर्यावरण प्रभावित होगा, बल्कि स्थानीय लोगों की ज़िंदगी, खेती, जल संसाधन और पर्यटन उद्योग भी खतरे में पड़ेंगे. स्विस पर्यावरण मंत्री ने इसे एक असाधारण घटना बताया और प्रभावित लोगों के लिए मदद का वादा किया है.

भविष्य की चुनौतियां

  • ब्लाटेन गांव को फिर से बनाना एक बड़ी चुनौती होगी, इसमें कई साल लग सकते हैं.
  • मलबे के कारण बाढ़ का खतरा अभी भी बना हुआ है.
  • वैश्विक स्तर पर जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए तेजी से कदम उठाने होंगे ताकि ऐसी त्रासदियों से बचा जा सके.

निवासियों की भावनाएं

ब्लाटेन के लोग बहुत दुखी हैं. एक महिला ने कहा, “मैंने अपना सब कुछ खो दिया.” एक बुजुर्ग वर्नर बेलवाल्ड ने बताया कि उनका परिवार 1654 से इस गांव में रहता था, अब उनका पुश्तैनी घर नष्ट हो गया है. बावजूद इसके, लोग एकजुट होकर इस मुश्किल घड़ी का सामना कर रहे हैं.

ब्लाटेन की यह त्रासदी हमें साफ संदेश देती है कि जलवायु परिवर्तन अब कोई दूर की बात नहीं, बल्कि हमारी ज़िंदगी से जुड़ा बड़ा खतरा है. हमें पर्यावरण की रक्षा और ग्लोबल वार्मिंग को रोकने के लिए तुरंत और सख्त कदम उठाने होंगे ताकि भविष्य में ऐसी प्राकृतिक आपदाओं को टाला जा सके. स्विट्जरलैंड सरकार राहत और पुनर्वास में मदद कर रही है, लेकिन असली लड़ाई अब शुरू हुई है — हमारी धरती को बचाने की.