आसमान से बरसती मौत! ईरान ने इजराइल पर दागी क्लस्टर बमों वाली मिसाइल, जानें यह हथियार क्यों है इतना खतरनाक और विवादित

Cluster Bombs Explained: हाल ही में खबर आई कि ईरान ने इज़राइल पर क्लस्टर बमों वाली मिसाइल दागी है. इस खबर के आते ही एक बार फिर इन खतरनाक हथियारों पर बहस छिड़ गई है. आखिर ये क्लस्टर बम होते क्या हैं, क्यों इन्हें किसी भी जंग में बहुत बुरा माना जाता है, और क्या इनका इस्तेमाल युद्ध अपराध है? आइए, इन सभी सवालों के जवाब आसान भाषा में समझते हैं.

क्लस्टर बम आखिर होते क्या हैं?

इसे आप "बम के अंदर बम" का कॉन्सेप्ट समझ सकते हैं. क्लस्टर बम एक बड़ा बम या मिसाइल होती है, जो आसमान में या अपने टारगेट के पास पहुंचकर फट जाती है. लेकिन ये खुद बड़ा धमाका नहीं करती, बल्कि अपने अंदर से सैकड़ों छोटे-छोटे बम (जिन्हें 'बमलेट्स' कहते हैं) एक बहुत बड़े इलाके में गिरा देती है.

सोचिए, जैसे एक बड़ी पानी की टंकी हवा में फटकर सैकड़ों छोटी-छोटी पानी की थैलियां एक पूरे फुटबॉल मैदान में बिखेर दे. ये छोटे बम ज़मीन पर गिरकर फटते हैं और एक साथ कई ठिकानों को तबाह कर सकते हैं. इन्हें মূলত टैंक, सैनिक टुकड़ियों और सैन्य गाड़ियों को एक ही बार में खत्म करने के लिए बनाया गया था.

इन्हें इतना बुरा और खतरनाक क्यों माना जाता है?

क्लस्टर बमों की सबसे बड़ी दो समस्याएं हैं, जो इन्हें बेहद अमानवीय बनाती हैं:

  1. ये अंधाधुंध तबाही मचाते हैं: क्योंकि इनके छोटे बम एक बहुत बड़े इलाके में फैल जाते हैं, इसलिए ये फ़र्क नहीं कर पाते कि नीचे सैनिक हैं या आम नागरिक. इनकी चपेट में अक्सर रिहायशी इलाके, स्कूल और अस्पताल भी आ जाते हैं, जिससे बेगुनाह लोग मारे जाते हैं.

  2. अनफटे बम का खतरा: सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि गिराए गए सभी छोटे बम तुरंत नहीं फटते. सैकड़ों में से कई बम ज़मीन में वैसे ही पड़े रहते हैं, एक तरह से बारूदी सुरंग (लैंडमाइन) की तरह. जंग खत्म होने के सालों,甚至 दशकों बाद भी ये बम किसी के छूने या दबाव पड़ने पर फट सकते हैं. दुनिया भर में ऐसे हजारों मामले हैं जहां खेलते हुए बच्चे या खेतों में काम करते किसान इन पुराने अनफटे बमों का शिकार बने हैं.

इसी वजह से अमेरिका जैसे देश ने भी 2003 में इराक में इस्तेमाल के बाद इनका उपयोग बंद करने का फैसला किया.

क्या क्लस्टर बम का इस्तेमाल युद्ध अपराध (War Crime) है?

यह एक पेचीदा सवाल है. सीधे तौर पर कहें तो क्लस्टर बम का इस्तेमाल अपने आप में गैर-कानूनी नहीं है, लेकिन अगर इनका इस्तेमाल आम नागरिकों पर या रिहायशी इलाकों में जानबूझकर किया जाता है, तो यह निश्चित रूप से युद्ध अपराध माना जाएगा.

कानून यह देखता है कि हमला किस इरादे से किया गया. अगर किसी सेना ने जानबूझकर नागरिकों को निशाना बनाने के लिए इन बमों का इस्तेमाल किया है, तो यह अंतर्राष्ट्रीय कानूनों का घोर उल्लंघन है. मुद्दा हथियार से ज़्यादा उसके इस्तेमाल के तरीके का है.

कौन-कौन से देश हैं इनके खिलाफ?

साल 2008 में, क्लस्टर बमों के खतरे को देखते हुए एक अंतर्राष्ट्रीय संधि (Convention on Cluster Munitions) हुई. इस संधि के तहत इन बमों को बनाने, रखने और इस्तेमाल करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया. अब तक 111 से ज़्यादा देश इस संधि पर हस्ताक्षर कर चुके हैं और इन हथियारों को त्याग चुके हैं.

हालांकि, कुछ बड़े देशों ने इस संधि पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया. इनमें ईरान, इज़राइल, अमेरिका, रूस और यूक्रेन जैसे देश शामिल हैं. यही वजह है कि हाल ही में जब रूस-यूक्रेन युद्ध में इन बमों का इस्तेमाल हुआ या अब ईरान-इज़राइल संघर्ष में इनका नाम आ रहा है, तो अंतर्राष्ट्रीय समुदाय चिंता जताता है, लेकिन इन देशों पर कोई कानूनी कार्रवाई नहीं कर पाता.