
Today’s Google Search Googly: टेस्ट क्रिकेट को क्रिकेट का सबसे कठिन और प्रतिष्ठित प्रारूप माना जाता है, जो किसी भी खिलाड़ी की बल्लेबाज़ी, गेंदबाज़ी और फील्डिंग के साथ-साथ उसकी मानसिक और शारीरिक सहनशक्ति की भी असली परीक्षा लेता है. यही वजह है कि इसे 'खेल का सबसे लंबा प्रारूप' भी कहा जाता है, क्योंकि आमतौर पर एक टेस्ट मैच पांच दिनों तक चलता है. लेकिन क्या आपको पता है कि क्रिकेट का सबसे लंबा टेस्ट मैच पांच नहीं, बल्कि पूरे 12 दिनों तक चला था? इस लेख में हम आपको बताएंगे कि इस ऐतिहासिक मैच में क्या कुछ खास हुआ और आप आज के Google Search Googly का सही जवाब कैसे ढूंढ सकते हैं. एक ओवर में छह छक्के लगाने वाले पहले भारतीय क्रिकेटर कौन थे? क्रिकेट के सुनहरे पन्नों में दर्ज है ये रिकॉर्ड
अब तक 2000 से ज्यादा टेस्ट मैच खेले जा चुके हैं और इनमें से कई ऐसे रहे हैं जो हमेशा के लिए क्रिकेट फैंस की यादों में बस गए. पहला टेस्ट मैच साल 1877 में इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच मेलबर्न में खेला गया था. उस मैच में ऑस्ट्रेलिया ने पहले बल्लेबाज़ी करते हुए चार्ल्स बैनेरमैन (165) की बदौलत 245 रन बनाए. इंग्लैंड के लिए अल्फ्रेड शॉ और जेम्स साउथरटन ने तीन-तीन विकेट झटके. जवाब में इंग्लैंड की टीम 196 रन पर सिमट गई और हैरी जप्प ने सबसे ज्यादा रन बनाए. ऑस्ट्रेलिया की ओर से बिली मिडविंटर ने पांच विकेट झटके. दूसरी पारी में ऑस्ट्रेलिया 104 पर ढेर हो गई और इंग्लैंड को जीत के लिए 154 रन चाहिए थे, लेकिन वह सिर्फ 45 रन से हार गई. इस मैच में टॉम केंडल ने सात विकेट लिए थे.
Google पर 'Googlies' क्या है?
Google का 'Googlies on Google' एक मज़ेदार खेल है, जिसमें क्रिकेट प्रेमियों से ऐसे सवाल पूछे जाते हैं जो देखने में आसान लगते हैं, लेकिन उनके जवाब सोचने पर मजबूर कर देते हैं. जैसा कि क्रिकेट में 'गूगली' एक ऐसी गेंद होती है जो बल्लेबाज़ को चकमा देती है, ठीक वैसे ही ये सवाल भी दिमाग को उलझा देते हैं और फैंस को सर्च करके जवाब ढूंढने के लिए प्रेरित करते हैं.
क्रिकेट का सबसे लंबा टेस्ट मैच कितने दिन चला?
अब आते हैं असली सवाल पर क्रिकेट का सबसे लंबा टेस्ट मैच 5 नहीं बल्कि 12 दिनों तक चला था! ये ऐतिहासिक टेस्ट मैच 1939 में दक्षिण अफ्रीका और इंग्लैंड के बीच डरबन में खेला गया था. ये मुकाबला उस टेस्ट सीरीज़ का पांचवां और आखिरी मैच था. सीरीज़ में इंग्लैंड 1-0 से आगे रहा, क्योंकि बाकी चार मैच ड्रॉ हो गए थे. यह मैच दरअसल एक 'Timeless Test' था. यानि ऐसा मैच जिसमें कोई समय सीमा नहीं होती थी. इसका उद्देश्य मैच का परिणाम निकलवाना था, ड्रॉ से बचना था। इस प्रकार के टेस्ट तब तक खेले जाते थे जब तक किसी एक टीम की जीत न हो जाए.
क्यों 12 दिन चला था ये टेस्ट?
हालांकि यह मैच मूल रूप से 10 दिन का नहीं था, लेकिन खराब मौसम और पिच रोलिंग की वजह से यह 12 दिन लंबा खिंच गया. इन 12 दिनों में से 3 दिन रेस्ट डे थे और 1 दिन बारिश की भेंट चढ़ गया था.
मैच का हाल कुछ ऐसा रहा:
- 3 मार्च 1939 को मैच की शुरुआत हुई.
- दक्षिण अफ्रीका ने पहली पारी में 530 रन बनाए, जिसमें पीटर वान डेर बिजल (125) और डडली नॉर्स (103) ने शतक लगाए.
- जवाब में इंग्लैंड ने 316 रन बनाए, जिसमें लेस एम्स (84) ने सबसे ज्यादा रन बनाए।
- दूसरी पारी में दक्षिण अफ्रीका ने 481 रन बनाए, जिससे इंग्लैंड को जीत के लिए 696 रनों का लक्ष्य मिला.
- इंग्लैंड ने जबरदस्त बल्लेबाज़ी करते हुए 654/5 रन बना लिए थे, लेकिन मैच ड्रॉ घोषित करना पड़ा क्योंकि इंग्लिश टीम को समय पर जहाज पकड़कर घर लौटना था.
यह 1939 का मैच टाइमलेस टेस्ट के युग का आखिरी मुकाबला था। इसके बाद यह फॉर्मेट बंद कर दिया गया क्योंकि लंबे मैच खिलाड़ियों और टीमों की यात्रा योजनाओं पर असर डालने लगे थे.