तमिलनाडु: अकाउंट में गलती से आए गए 40 लाख रुपए, बिना सोचे-समझे कपल ने खर्च की पूरी रकम, तीन साल की हुई जेल
प्रतीकात्मक तस्वीर (फाईल फोटो)

तिरुपुर: एक दंपत्ति (Couple) के खाते (Bank Account) में गलती से 40 लाख रुपए आ गए, लेकिन उन्होंने उसकी जांच-पड़ताल किए बगैर ही सारी रकम खर्च कर दी. अब ये दंपत्ति सलाखों के पीछे पहुंच गया है. दरअसल, तमिलनाडु (Tamil Nadu) के तिरुपुर (Tirupur) में रहने वाले वी गुनसेकरन पेशे से एक एलआईसी एजेंट हैं. उनके खाते में साल 2012 में गलती से 40 लाख रुपए (Rs 40 lakh mistakenly Credited in Account) आ गए, लेकिन खाते में आई इस राशि का पता लगाने की बजाय गुनसेकरन ने अपनी पत्नी के साथ मिलकर उसे खर्च कर दिया. अकाउंट में पैसे आने के बाद गुनसेकरण (Gunasekaran) और उनकी पत्नी राधा (Radha) ने एक सपंत्ति खरीदी और अपनी बेटी की शादी में बाकी की रकम खर्च कर दी. इस मामले में अब उन्हें तीन साल जेल की सजा सुनाई गई है.

यहां के एक ट्रायल कोर्ट में सोमवार को इस दंपत्ति को गलती से अपने खाते में जमा हुई रकम को खर्च किए जाने पर तीन साल कैद की सजा सुनाई है. यह धनराशि संसद स्थानीय क्षेत्र विकास योजना (Member of Parliament Local Area Development Scheme)और विधायक स्थानीय क्षेत्र विकास योजना (MLA Local Area Development Scheme) के तहत स्वीकृत की गई थी, जो सिविल कार्य लोक निर्माण विभाग को देने के लिए थी. पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों ने तीन डिमांड ड्राफ्ट जब लिया था तब उन्होंने गलती से गुनसेकरण के अकाउंट नंबर का उल्लेख कर दिया था.

अभियोजन पक्ष के अनुसार, रक्कियापालयम (Rakkiyapalayam) के गुनसेकरन का बैंक खाता तिरुपुर स्थित कॉर्पोरेशन बैंक की मुख्य शाखा में है और इसी स्थान पर पीडब्ल्यूडी के एक्जीक्यूटीव इंजीनियर का भी खाता है. ऐसे में गलती से 40 लाख की रकम गुनसेकरन के खाते में चली गई, लेकिन पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों को 8 महीने तक इसकी भनक नहीं लगी और जब उन्हें पता चला कि धनराशि उनके खाते में नहीं पहुंची है तब उन्होंने निगम बैंक अधिकारियों से संपर्क किया. यह भी पढ़ें: तमिलनाडु: मछुआरों ने भारतीय तटरक्षक बल पर लगाया मारपीट करने का आरोप, समुद्री एजेंसी ने किया इनकार

जब बैंक अधिकारियों ने गुनसेकरन के खाते की जांच की तो पता चला कि जमा होने के कुछ दिन बाद ही पूरी राशि निकाल ली गई थी. इसके बाद कॉर्पोरेशन बैंक के वरिष्ठ अधिकारियों ने गुनसेकरन से अनुरोध किया कि वो अपने खाते में धनराशि जमा करें ताकि बैंक उसे सही जगह पर ट्रांसफर कर सके, लेकिन वो ऐसे करने में असफल रहे. साल 2015 में असिस्टेंट जनरल मैनेजर नरसिंह गिरी ने गुनसेकरन के खिलाफ तिरुपुर शहर के केंद्रीय अपराध शाखा (Central Crime Branch) पुलिस में शिकायत दर्ज कराई.

केंद्रीय अपराध शाखा ने गुनसेकरन और उनकी पत्नी राधा के खिलाफ धारा 403 (बेईमानी से संपत्ति का गबन) और 120 बी (आपराधिक साजिश) सहित विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया. हालांकि दंपत्ति को इस मामले में अग्रिम जमानत मिल गई और मामला तिरुपुर न्यायिक मजिस्ट्रेट अदालत II तक पहुंचा. यह भी पढ़ें: तमिलनाडु सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा, फेसबुक नहीं कर रही भारतीय कानून का पालन

इस मामले में अतिरिक्त सार्वजनिक अभियोजक इब्राहिम रजा ने कहा कि गुनसेकरन ने बैंक से वादा किया था कि वह रकम वापस लौटा देगा, लेकिन बार-बार अनुरोध करने के बावजूद उन्होंने बैंक को रकम नहीं लौटाया. गौरतलब है कि इस मामले की सुनाई के दौरान कोर्ट ने इस दंपत्ति को तीन साल की जेल की सजा सुनाई, जिसके बाद केंद्रीय अपराध शाखा ने दंपत्ति को गिरफ्तार कर उन्हें कोयंबटूर केंद्रीय जेल भेज दिया.