OpenAI और रिलायंस की बड़ी डील, भारत में बेहद सस्ता होगा ChatGPT का सब्सक्रिप्शन, जानें कितनी होगी कीमत

OpenAI भारत में अपनी AI उपस्थिति को बढ़ाने के लिए रिलायंस इंडस्ट्रीज के साथ साझेदारी करने की योजना बना रहा है. द इंफॉर्मेशन की एक रिपोर्ट के अनुसार, OpenAI और Meta, रिलायंस जियो के साथ संभावित साझेदारी पर चर्चा कर रहे हैं, जिससे चैटजीपीटी (ChatGPT) का भारत में वितरण संभव हो सके.

ChatGPT की कीमत में भारी कटौती

सैम ऑल्टमैन के नेतृत्व वाली OpenAI, ChatGPT की मौजूदा $20 प्रति माह की सदस्यता योजना को 75-85% तक सस्ता करने पर विचार कर रही है. यदि यह योजना लागू होती है, तो भारत में उपयोगकर्ताओं को AI सेवाओं का अधिक किफायती लाभ मिल सकता है.

रिलायंस स्थानीय स्तर पर OpenAI मॉडल होस्ट करना चाहता है

रिपोर्ट के अनुसार, रिलायंस OpenAI के मॉडल को अपने एंटरप्राइज़ ग्राहकों को API के माध्यम से बेचने की संभावनाओं पर चर्चा कर रहा है. इसके अलावा, कंपनी भारत में OpenAI के मॉडल को होस्ट और संचालित करने की योजना बना रही है ताकि भारतीय उपयोगकर्ताओं का डेटा देश में ही सुरक्षित रखा जा सके.

इसके अतिरिक्त, मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज, OpenAI और Meta के मॉडल को स्थानीय रूप से संचालित करने की संभावनाओं पर भी चर्चा कर रही है. इस उद्देश्य के लिए, कंपनी गुजरात के जामनगर में एक तीन-गिगावॉट क्षमता वाला डेटा सेंटर बनाने की योजना बना रही है.

दुनिया के सबसे बड़े डेटा सेंटर के रूप में जामनगर परियोजना

ब्लूमबर्ग की एक पिछली रिपोर्ट के अनुसार, रिलायंस जामनगर में एक 3 गीगावॉट क्षमता का डेटा सेंटर बनाने की योजना बना रहा है, जो वर्तमान में दुनिया के सबसे बड़े डेटा सेंटरों से कई गुना बड़ा होगा.

डेटा सेंटरों की क्षमता को मेगावाट में मापा जाता है, जिससे यह संकेत मिलता है कि वे सर्वर, कूलिंग और इंफ्रास्ट्रक्चर को कितनी ऊर्जा प्रदान कर सकते हैं. उच्च मेगावाट क्षमता का अर्थ है अधिक कंप्यूटिंग शक्ति, जो AI जैसी उच्च-गहन वर्कलोड प्रक्रियाओं को संभालने के लिए महत्वपूर्ण होती है.

रिपोर्ट के अनुसार, अंबानी इस सुविधा के लिए Nvidia के AI सेमीकंडक्टर्स खरीद रहे हैं. पिछले वर्ष अक्टूबर में, Nvidia के CEO जेन्सेन हुआंग की भारत यात्रा के दौरान, दोनों कंपनियों ने AI एप्लिकेशन इंफ्रास्ट्रक्चर निर्माण के लिए साझेदारी की घोषणा की थी.

यदि यह साझेदारी सफल होती है, तो भारत में AI सेवाओं की पहुंच और विश्वसनीयता में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है.