तुर्की: इस्तांबुल के मेयर इमामोग्लु को जेल, भारी विरोध जारी
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credit: Image File)

तुर्की की एक अदालत ने मेयर इमामोग्लु पर मुकदमा शुरू होने से पहले ही उन्हें जेल भेजने का फैसला सुनाया. देश में बड़े स्तर पर प्रदर्शन जारी हैं और इमामोग्लु की पार्टी सीएचपी उनकी उम्मीदवारी के समर्थन में चुनाव करवा रही है.तुर्की की एक अदालत ने इस्तांबुल के मेयर एकरम इमामोग्लु को जेल भेजने का फैसला सुनाया. "तुर्कीये टुडे" की खबर के अनुसार, इस्तांबुल के चीफ पब्लिक प्रॉसिक्यूटर ऑफिस ने मेयर इमामोग्लु समेत 92 लोगों की गिरफ्तार का आग्रह किया था.

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वेबसाइट के मुताबिक, अभियोजन पक्ष ने गिरफ्तारी के लिए ये चार आधार दिए थे: एक आपराधिक संगठन बनाना, बिड (या टेंडर प्रक्रिया) में गड़बड़ी, रिश्वत लेना और गैरकानूनी तरीके से निजी डेटा हासिल करना.

इमामोग्लु की गिरफ्तारी और प्री-ट्रायल डिटेंशन को राजनीतिक विश्लेषक एक राजनीतिक कार्रवाई बता रहे हैं. इसके कारण तुर्की में लोकतंत्र की सेहत और कानून-व्यवस्था व न्यायपालिका की स्वतंत्र भूमिका पर भी गंभीर सवाल उठ रहे हैं. एमनेस्टी इंटरनेशनल की एक रिपोर्ट के मुताबिक, तुर्की में ट्रायल शुरू होने से पहले लंबी अवधि तक हिरासत में रखे जाने के कारण अक्सर बिना मुकदमे के ही आरोपित को सजा काटनी पड़ती है.

आतंकवादी संगठन को मदद देने के भी आरोप

इमामोग्लु के खिलाफ दो अलग-अलग मामले हैं. एक आरोप आतंकवादी संगठन की मदद करने का है. इसके अंतर्गत दावा किया गया है कि नगरपालिका में रोजगार संबंधी गतिविधियों के तहत आतंकवादी संगठन 'कुर्दिस्तान वर्कर्स पार्टी' (तुर्की में संक्षिप्त नाम, पीकेके) से ताल्लुक रखने वाले लोगों की भर्ती की गई.

दूसरा, भ्रष्टाचार संबंधी आरोप सार्वजनिक टेंडरों से जुड़ा. स्थानीय मीडिया के मुताबिक, जांच के क्रम में इमामोग्लु की कॉन्ट्रैक्टिंग कंपनी 'इमामोग्लु इंसाट' की संपत्ति भी जब्त की गई है. "तुर्कीये टुडे" के मुताबिक, इन आरोपों के अतिरिक्त पार्टी फंड में गड़बड़ी के भी आरोप सामने आए हैं.

समुचित न्यायिक प्रक्रिया, यानी मुकदमा चलने और फैसला आने से पहले ही अदालत ने इमामोग्लु को जेल भेजने का फैसला सुना दिया. कोर्ट ने कहा कि भ्रष्टाचार की जांच के क्रम में इमामोग्लु के अलावा कम-से-कम 20 अन्य आरोपितों को जेल भेजा गया है.

इमामोग्लु ने आरोपों को निराधार बताया

इमामोग्लु को 19 मार्च की सुबह गिरफ्तार किया गया था. उनसे करीब पांच घंटे तक पूछताछ हुई. समाचार एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार, पुलिस द्वारा की गई पूछताछ के दौरान इमामोग्लु ने कम-से-कम 70 सवालों के जवाब दिए. इसके बाद उन्हें इस्तांबुल की एक अदालत में पेश किया गया. इमामोग्लु ने अपने ऊपर लगे आरोपों से इनकार करते हुए इन्हें "अनैतिक और निराधार" बताया है.

अपने बयान में उन्होंने कहा, "इस प्रक्रिया ने ना केवल तुर्की की अंतरराष्ट्रीय साख को नुकसान पहुंचाया है, बल्कि न्याय में लोगों के यकीन और अर्थव्यवस्था में उनके भरोसे को भी तोड़ा है." इमामोग्लु की पार्टी और देश के मुख्य विपक्षी दल सीएचपी (रिपब्लिकन पीपल्स पार्टी) ने गिरफ्तारी की निंदा की है और कार्रवाई को राजनीतिक मंशा से प्रेरित बताया है.

इमामोग्लु की गिरफ्तारी के विरोध में तुर्की के कई शहरों में बवाल मचा है. 22 मार्च को लगातार चौथी रात भारी विरोध प्रदर्शन हुए. कई जगहों पर पुलिस और प्रदर्शकारियों के बीच टकराव हुआ. खबरों के मुताबिक, ताजा प्रदर्शन बीते एक दशक के दौरान तुर्की में हुआ सबसे भारी प्रोटेस्ट है. समाचार एजेंसी एएफपी के अनुसार, तुर्की के 55 से ज्यादा प्रांतों में प्रोटेस्ट हो रहे हैं. देश में कुल 81 प्रांत हैं. सैकड़ों प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया जा चुका है.

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इमामोग्लु की पत्नी ने जनता से की अपील

इस बीच 23 मार्च को सीएचपी का प्राइमरी (उम्मीदवार तय करने की दलीय प्रक्रिया) चुनाव भी शुरू हो गया है. सीएचपी ने लोगों से अपील की है कि इसके माध्यम से वो इमामोग्लु के साथ एकजुटता जताएं. चुनाव स्थानीय समय के अनुसार सुबह आठ बजे शुरू हुए. 81 शहरों में करीब 5,600 मतदान पेटियां लगाई गई हैं.

सीएचपी ने कहा है कि अब ये मतदान केवल पार्टी के सदस्यों और कार्यकर्ताओं तक सीमित नहीं है, हर कोई भाग ले सकता है. इस क्रम में जनता से अपील करते हुए मेयर की पत्नी दिलेक काया इमामोग्लु ने सोशल मीडिया पर लिखा, "मैं अपने देश को मतदान पेटी तक आने का आमंत्रण देती हूं. हम राष्ट्रपति एकराम, लोकतंत्र, न्याय और भविष्य को चुनने के लिए वोट डाल रहे हैं."

उन्होंने लिखा, "हम ना डरे हैं, ना कभी हार मानेंगे." आलोचकों के मुताबिक, इमामोग्लु पर हुई कार्रवाई की वजह यही प्राइमरी है. आरोप है कि राष्ट्रपति रेचप तैयप एर्दोवान ने इमामोग्लु के रूप में अपने सबसे मजबूत और लोकप्रिय राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी को रास्ते से हटाने के लिए यह कदम उठाया है. इमामोग्लु पर हुई कार्रवाई का समय अहम है. 23 मार्च को प्राइमरी होना था, जहां सीएचपी उन्हें अगले राष्ट्रपति चुनाव के लिए अपना आधिकारिक उम्मीदवार चुनने वाली थी.

एसएम/आरएस (एपी, एएफपी, डीपीए, रॉयटर्स)