World Rabies Day 2025: किन-किन पशुओं के काटने से फैलता है रेबीज रोग? जानें विश्व रेबीज दिवस का इतिहास, उद्देश्य और रेबीज से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण फैक्ट्स!

  प्रत्येक वर्ष 28 सितंबर को विश्व रेबीज दिवस मनाया जाता है, यह एक वैश्विक जागरूकता दिवस है, जो रेबीज के खतरों को उजागर करनेइसकी रोकथाम एवं इस पर नियंत्रण पाने के उपलक्ष्य में मनाया जाता है. ग्लोबल एलायंस फॉर रेबीज कंट्रोल (GARC) द्वारा साल 2007 में स्थापित और डब्ल्यूएचओ जैसे संगठन द्वारा समर्थितयह दिवस मनाया जाता है, जो लोगों को शिक्षित करनेपालतू जानवरों के टीकाकरण को प्रोत्साहित करने और मानव रेबीज से होने वाली मौतों पर नियंत्रण हेतु एक मंच का कार्य करता है. आइये जानते हैं इस दिन के महत्व, इतिहास एवं उद्देश्य तथा रेबीज से जुड़े कुछ रोचक फैक्ट के बारे में यह भी पढ़ें : World Heart Day 2025: कब है विश्व हृदय दिवस? इस वर्ष क्या है इस दिवस की थीम? जानें इसका अर्थ एवं महत्व!

क्यों मनाया जाता है विश्व रेबीज दिवस?

विश्व रेबीज दिवस के उद्देश्य को क्रमवार निम्न बिंदुओं से समझा जा सकता है.

जागरूकता बढ़ाना: जनता और समुदायों को रेबीज की घातक प्रकृतिइसके फैलने के तरीके और निवारक उपाय के महत्व के बारे में सूचित करना.

रोकथाम: पालतू जानवरों और मनुष्यों दोनों के लिए टीकाकरण के महत्व और कुत्ते द्वारा काटने के बाद समय पर उपचार की आवश्यकता पर जोर देना.

समुदायों को शिक्षित करना: आम लोगों को रेबीज के लक्षणों और जोखिमों के बारे में सिखानाऔर ज़िम्मेदार पशु देखभाल और टीकाकरण प्रथाओं को बढ़ावा देना।

वैश्विक प्रयासों का समर्थन: रेबीज को नियंत्रित और समाप्त करने के लिए वैश्विक आंदोलन में सरकारोंस्वास्थ्य पेशेवरोंपशु चिकित्सकों और समुदायों को एकजुट करना.

28 सितंबर को ही क्यों मनाया जाता है?

    विश्व रेबीज दिवस की स्थापना साल 2007 में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और अन्य अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य एजेंसियों के सहयोग से ग्लोबल एलायंस फॉर रेबीज कंट्रोल (GARC) द्वारा की गई थी. गौरतलब है कि इसी दिन लुई पाश्चर की पुण्यतिथि (28 सितंबर) मनाई जाती है, जिन्होंने पहला प्रभावी रेबीज टीका विकसित किया था. यह दिवस उन्हीं को समर्पित है. विश्व रेबीज दिवस सरकार गैर सरकारी संस्थाओं, स्वास्थ्य विशेषज्ञों, पशु चिकित्सकों और समुदायों को रेबीज के बोझ को कम करने के लिए एक मंच पर लाता है, खासकर उन क्षेत्रों में जहां यह बीमारी एक बड़ा खतरा बनती जा रही है.

रेबीज से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण फैक्ट्स

कारण: रेबीज वायरस जींस का हिस्सा है. यह वायरस आमतौर पर संक्रमित जानवर (कुत्ताबिल्लीचमगादड़लोमड़ी आदि) के काटने या उसके लार से फैलता है.

संक्रमित जानवर: भारत में रेबीज के सबसे अधिक मामले कुत्तों के काटने से होते हैं. इसके अलावा बिल्लीबंदरचमगादड़नेवला आदि के काटने से भी वायरस फैल सकता है.

लक्षण: रेबीज के लक्षण अमूमन से महीने बाद दिखते हैं. इसके शुरुआती लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, घाव वाली जगह पर झुनझुनी होना अथवा दर्द होना, भ्रम होना, जल एवं प्रकाश से भय उत्पन्न होना, लकवा इत्यादि.