Baichung Bhutia Birthday Special: जानिए कौन हैं बाइचुंग भूटिया? भारत के फुटबॉल सुपरस्टार, जो कहलाए 'पोस्टर ब्वॉय'
बाइचुंग भूटिया (Photo Credit: X Formerly Twitter)

Baichung Bhutia Birthday Special: बाइचुंग भूटिया को भारत का फुटबॉल सुपरस्टार कहा जाता है, जिन्होंने सिक्किम से निकलकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश का नाम रोशन किया. उन्होंने बतौर कप्तान भारतीय फुटबॉल टीम को सक्रियता दी. संन्यास के बाद भी यह दिग्गज फुटबॉल के विकास में सक्रिय है. 15 दिसंबर 1976 को सिक्किम के तिनकितम में जन्मे बाइचुंग भूटिया को हमेशा से फुटबॉल में दिलचस्पी थी, लेकिन इस खेल के अलावा, उन्होंने बैडमिंटन, बास्केटबॉल और एथलेटिक्स में भी अपने स्कूल का प्रतिनिधित्व किया. वानखेड़े में क्रिकेट और फुटबॉल के दो महारथी! सचिन तेंदुलकर ने लियोनेल मेस्सी के GOAT टूर के दौरान भेट की अपनी जर्सी, देखें वीडियो

माता-पिता नहीं चाहते थे कि बेटा खेलों में करियर बनाए. वह चाहते थे कि बेटा अपनी पढ़ाई पर फोकस करे, लेकिन बाइचुंग ने महज नौ साल की उम्र से ही गंगटोक में ताशी नामग्याल एकेडमी में दाखिला लेने के लिए स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (साई) से स्कॉलरशिप हासिल कर ली.

सुब्रतो कप 1992 में बाइचुंग भूटिया को 'सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी' चुना गया, जिसने उन्हें पूरे देश की नजरों में ला दिया था. फुटबॉल के प्रति दीवानगी इस कदर थी कि बाइचुंग भूटिया ने 1992 में बोर्ड परीक्षा देने के बजाय अंडर-16 फुटबॉल टीम में खेलने को प्राथमिकता दी. उन्होंने ईस्ट बंगाल एफसी में शामिल होने के लिए स्कूल छोड़ दिया. उन्होंने महज 19 साल की उम्र में नेहरू कप में थाईलैंड के खिलाफ अपना इंटरनेशनल डेब्यू किया. वह इंटरनेशनल डेब्यू में सबसे कम उम्र के गोल करने वाले भारतीय खिलाड़ी बने. भारत को बतौर कप्तान 2008 एएफसी चैलेंज कप जिताने में उनकी अहम भूमिका रही.

'भारतीय फुटबॉल के पोस्टर ब्वॉय' बाइचुंग भूटिया को साल 1995 और 2008 में 'इंडियन प्लेयर ऑफ द ईयर' चुना गया. उन्होंने 1996-97 सीजन में इंडियन नेशनल फुटबॉल लीग जीती. साल 1999 में भूटिया यूरोपीय क्लब के लिए साइन किए जाने वाले वाले पहले भारतीय फुटबॉलर बने. उन्हें इंग्लैंड के बरी एफसी के साथ तीन साल का कॉन्ट्रैक्ट मिला, जिससे भारतीय खिलाड़ियों के लिए विदेशों के दरवाजे खुले.

फुटबॉल में उत्कृष्ट योगदान के लिए बाइचुंग भूटिया को साल 1998 में 'अर्जुन पुरस्कार' से सम्मानित किया गया. इसके बाद साल 2008 में उन्हें 'पद्म श्री' से नवाजा गया। साल 2014 में 'एएफसी हॉल ऑफ फेम' से सम्मानित होने वाले भूटिया को इसी साल 'बंग भूषण' से भी नवाजा गया.

बाइचुंग भूटिया का भारतीय फुटबॉल में योगदान ऐतिहासिक और बहुआयामी रहा है. संन्यास के बाद भी भूटिया ने राजनीति, प्रशासन और जमीनी स्तर पर फुटबॉल एकेडमी के जरिए खेल के विकास में योगदान दिया है.