Vinayak Chaturhi 2019: मार्गशीर्ष मास की विनायक चतुर्थी है बेहद खास, कार्यों में सफलता पाने के लिए इस विधि से करें गणपति की पूजा, जानें शुभ मुहूर्त और महत्व
भगवान गणेश (Photo Credits: Pixabay)

Vinayak Chaturhi 2019: भगवान गणेश (Lord Ganesha) को सभी देवताओं में प्रथम पूजनीय माना जाता है, इसलिए किसी भी मांगलिक कार्य की शुरुआत से पहले भगवान गणेश (Bhagwan Ganesh) की पूजा की जाती है. कहा जाता है कि गणपति की पूजा के बिना कोई भी मांगलिक कार्य संपन्न नहीं होता है. भक्तों के विघ्नों को दूर कर उनके जीवन को सुख-समृद्धि से भरने वाले भगवान गणेश को हर महीने की चतुर्थी तिथि अत्यंत प्रिय है. अमावस्या के बाद आनेवाली शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को विनायक चतुर्थी (Vinayak Chaturthi) कहते हैं और पूर्णिमा के बाद आनेवाली चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी (Sankashti Chaturthi) कहते हैं. वैसे तो हर महीने की चतुर्थी को भगवान गणेश की विधि-विधान से पूजा की जाती है, लेकिन मार्गशीर्ष महीने की विनायक चतुर्थी का खास महत्व बताया जाता है.

मार्गशीर्ष यानी अगहन महीने की विनायक चतुर्थी 30 नवंबर को पड़ रही है. इस दिन व्रत रखकर विधिपूर्वक भगवान गणेश की पूजा करने से किसी भी कार्य में आनेवाली सारी बाधाएं दूर होती हैं. मान्यता है कि विनायक चतुर्थी पर भगवान गणेश की पूजा करके बड़े से बड़े विघ्नों को टाला जा सकता है.

विनायक चतुर्थी शुभ मुहूर्त

विनायक चतुर्थी- 30 नवंबर 2019 (शनिवार)

चतुर्थी तिथि प्रारंभ- 29 नवंबर 2019 को शाम 05.40 बजे से,

चतुर्थी तिथि समाप्त- 30 नवंबर 2019 की शाम 06.05 बजे तक.

इस विधि से करें पूजा

  • चतुर्थी तिथि को सुबह सूर्योदस से पहले उठें और स्नान करें.
  • स्नान के बाद स्वच्छ वस्त्र पहनें और व्रत का संकल्प लें.
  • घर के मंदिर या पूजा स्थल की अच्छे से साफ-सफाई करें.
  • चौकी पर लाल वस्त्र बिछाकर भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित करें.
  • गणेश जी को एक जटा वाला नारियल और मोदक का भोग अर्पित करें.
  • इसके बाद गणेश जी को गुडहल के फूल और 21 दूर्वा अर्पित करें.
  • गणेश जी को सिंदूर अर्पित करके विधि-विधान से पूजा करें और आरती उतारें.
  • गणपति जी की पूजा करते समय 'ॐ गं गणपतये नम:' मंत्र का जप करें. यह भी पढ़ें: विनायक चतुर्थीः जानें सिद्धी विनायक मंदिर का इतिहास, महात्म्य और कुछ ख़ास बातें

विनायक चतुर्थी का महत्व

भगवान गणेश की पूजा के बिना कोई भी मंत्र, जप या अनुष्ठान सफल नहीं हो पाता है. मान्यता है कि विनायक चतुर्थी पर भगवान गणेश की पूजा से भक्तों के सभी मनोरथ पूर्ण होते हैं और कार्यों में सफलता मिलती है. जो भी मनुष्य इस व्रत का श्रद्धापूर्वक पालन करता है उसे भगवान गणेश ज्ञान और धैर्य का आशीर्वाद देते हैं. इतना ही नहीं गणपति की पूजा से भक्तों के जीवन में आनेवाले सभी विघ्न दूर होते हैं और जीवन में सुख-समृद्धि आती है.

नोट- इस लेख में दी गई तमाम जानकारियों को प्रचलित मान्यताओं के आधार पर सूचनात्मक उद्देश्य से लिखा गया है और यह लेखक की निजी राय है. इसकी वास्तविकता, सटीकता और विशिष्ट परिणाम की हम कोई गारंटी नहीं देते हैं. इसके बारे में हर व्यक्ति की सोच और राय अलग-अलग हो सकती है.