नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने यस बैंक (YesBank) को नकदी की समस्या से निपटने को लेकर 60,000 करोड़ रुपये की ऋण सुविधा उपलब्ध करायी है. इससे बैंक को जमाकर्ताओं के प्रति दायित्वों को पूरा करने में आसानी होगी. यह आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास के सोमवार को कहा था कि यस बैंक से पाबंदी हटने के बाद जरूरत पड़ने पर उसे नकदी उपलब्ध करायी जाएगी. आरबीआई कानून, 1934 की धारा 17 के तहत केंद्रीय बैंक किसी भी बैंक को शेयर कोष और प्रतिभूतियों (अचल संपत्तियों को छोड़कर) को गिरवी रखकर कर्ज के रूप में नकदी की सुविधा उपलब्ध करा सकता है. वहीं भारतीय रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को एक बड़ा फैसला लेते हुए आर गांधी और अनंत नारायण गोपालकृष्णन को बोर्ड का अतिरिक्त निदेशक नियुक्त किया है.
न्यूज एजेंसी एएनआई के ट्वीट के अनुसार अरबीआई ने आर गांधी (पूर्व डिप्टी गवर्नर भारतीय रिजर्व बैंक) और अनंत नारायण गोपालकृष्णन (एसोसिएट प्रोफेसर, एस पी जैन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड रिसर्च) को 26 मार्च से 2 साल की अवधि के साथ YesBank के बोर्ड में अतिरिक्त निदेशक के रूप में नियुक्त किया है. यह भी पढ़े: यस बैंक मामला: ED ने अनिल अंबानी, सुभाष चंद्रा, नरेश गोयल और कपिल वधावन को पूछताछ के लिए भेजा समन, बढ़ सकती है मुश्किलें
Reserve Bank of India:RBI today appointed R Gandhi (former Dy Governor,Reserve Bank of India)& Ananth Narayan Gopalakrishnan (Associate Professor,S P Jain Institute of Management&Research) as Additional Directors on board of #YesBank with effect from March 26 for period of 2 yrs. pic.twitter.com/tmIsthVBxW
— ANI (@ANI) March 20, 2020
यस बैंक का क्या है पूरा मामला:
बता दें कि आरबीआई ने पांच मार्च को यस बैंक पर विभिन्न प्रकार की पाबंदी लगाते हुए उसके बोर्ड को हटा दिया था और खाताधारकों को उनके खाते में जमा धन से एक माह में 50,000 रुपये से ज्यादा रकम जारी करने पर पाबंदी लगा दी थी. सरकार ने 13 मार्च को पुनर्गठन योजना को मंजूरी दी। इसके तहत भारतीय स्टेट बैंक की अगुवाई में वित्तीय संस्थानों से करीब 10,000 करोड़ रुपये का निवेश किया है.