फेक जीएसटी बिल से सरकार की कमाई में लगाई करोड़ों की सेंध, 42 फर्जी कंपनियों का भी हुआ खुलासा
जीएसटी (Photo Credits: Pixabay and Pexels)

नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश हुआ है जिसने फर्जी जीएसटी (GST) बिल के जरिए सरकार को करोड़ों का चूना लगाया है. इस मामले में नवीन मुटरेजा (Naveen Mutreja) और केशवराम (Keshav Ram) को गिरफ्तार किया गया है. दोनो आरोपियों को पटियाला हाऊस कोर्ट ने 14 दिन की न्‍यायिक हिरासत में भेज दिया है.

अधिकारिक बयान के मुताबिक सेन्‍ट्रल जीएसटी दिल्‍ली नॉर्थ की कमिशनरी ने वस्‍तुओं और सेवाओं की वास्‍तविक आपूर्ति के बिना फर्जी बिल जारी करने के एक गिरोह का पर्दाफाश किया है. आरोपी 42 फर्जी कंपनियां चला रहे थे, जो धोखाधड़ी से इनपुट टैक्‍स क्रेडिट (आईटीसी) को आगे बढ़ाने का काम करती थी. इस तरीके से सरकारी खजाने को धोखे से लूटा जा रहा था. प्रथम दृष्‍ट्या धोखाधड़ी से करीब 22 करोड़ रुपये के चालान काटे गये, जिसमें 150 करोड़ रुपये की राशि शामिल थी. GST रिफंड के नाम पर चूना लगाने वाले व्यापारियों की अब खैर नहीं, 15 राज्यों में की गई छापेमारी

दोनों आरोपी दिल्‍ली एनसीआर,  हरियाणा, राजस्‍थान और उत्‍तर प्रदेश की फर्जी कंपनियों के जीएसटी पंजीकरण प्राप्‍त कर लेते थे और इसके लिए असंदिग्‍ध व्‍यक्तियों के दस्‍तावेजों का इस्‍तेमाल करते थे. इसके बाद करोल बाग, दिल्‍ली में एक परिसर से इन कंपनियों के वस्‍तु रहित चालान और ई-वे बिल तैयार करते थे. प्रारंभिक जांच के बाद पता चला कि अनियमित कंपनियों की आतंरिक और बाहरी आपूर्तियों के बीच कोई संबंध नहीं था.

इन कंपनियों ने अनेक खरीदारों को धोखे से आईटीसी दे दिया था, जिन्‍होंने बाहरी आपूर्ति के लिए अपनी जीएसटी देनदारी पूरा करने के लिए इसका लाभ उठाया था. फिलहाल सभी गुनाहगारों पर शिकंजा कसने के लिए मामलें की जांच चल रही है.