West Bengal Child News: पश्चिम बंगाल के नदिया जिले से ममता शर्मसार करने वाली खबर सामने आई है. नदिया जिले में रेलवे कर्मियों की कॉलोनी के बाहर एक नवजात शिशु जन्म के कुछ ही मिनटों बाद ठंडी जमीन पर अकेला छोड़ दिया गया. बच्चे के शरीर पर जन्म का रक्त अभी भी मौजूद था, उसके पास कोई कंबल नहीं था, न कोई नोट और न ही कोई आसपास मौजूद था. उसकी जा सकती है. लेकिन उसकी जान बच गई.
लोगों ने बताया चमत्कार
स्थानीय लोगों के अनुसार, यह किसी चमत्कार जैसा था. बच्चे को पूरी रात भटकते हुए कुत्तों ने सुरक्षा प्रदान की. कुत्तों ने शिशु के चारों ओर एक सुरक्षित घेरे में पहरा दिया, न भौंकते हुए परेशान किया और न ही इधर-उधर हिले. यह भी पढ़े: MP Shocker: ममता शर्मसार! नवजात का गला रेतकर कूड़ेदान में फेंका, गंभीर जख्म के बाद भी इलाज से मासूम की जान बची, मां-दादी गिरफ्तार
कुत्तों के चलते बची जान
स्थानीय निवासियों का कहना है कि कुत्तों ने रातभर किसी को भी बच्चे के पास आने नहीं दिया.यह व्यवहार मानवीय संवेदनाओं और सुरक्षा की अद्भुत मिसाल माना जा रहा है.
कॉलोनी की निवासी ने पहले देखा
कॉलोनी की निवासी शुक्ला मंडल शिशु को सबसे पहले देखने गईं. उन्होंने कहा, "जागते ही हमने कुछ देखा जिसने अभी भी मेरी रूह में सिहरन पैदा कर दी. कुत्ते आक्रामक नहीं थे. वे सतर्क थे, जैसे उन्हें समझ में आ रहा हो कि बच्चा जीवित रहने के लिए लड़ रहा है.
नवजात कृष्णानगर सादर अस्पताल रेफर
शुक्ला ने धीरे-धीरे बच्चे के पास जाकर उसे अपनी दुपट्टा में लपेटा और पड़ोसियों की मदद मांगी. शिशु को तुरंत महेशगंज अस्पताल ले जाया गया और फिर कृष्णानगर सादर अस्पताल में रेफर किया गया.
बच्चे को लेकर डॉक्टरों ने क्या कहा
डॉक्टरों ने बताया कि बच्चे को कोई चोट नहीं लगी थी. सिर पर जो रक्त था, वह जन्म के समय का था. इससे यह संकेत मिलता है कि नवजात को जन्म के कुछ ही मिनटों बाद छोड़ा गया था.
पुलिस जांच में जुटी
पुलिस का अनुमान है कि कॉलोनी का कोई व्यक्ति रात के अंधेरे में शिशु को वहां छोड़ गया होगा. नवद्वीप पुलिस और चाइल्ड हेल्प अधिकारियों ने मामले की जांच शुरू कर दी है और बच्चे की दीर्घकालीन देखभाल की प्रक्रिया आरंभ कर दी है.













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