बिहार विधानसभा चुनाव 2025: पहले चरण में मोकामा 'हॉट सीट', लेकिन इन 5 सीटों पर भी बाहुबलियों की कड़ी परीक्षा
मोकामा के अलावा भी एकमा, दानापुर और रघुनाथपुर जैसी आधा दर्जन सीटें हैं, जहां बाहुबली नेता या उनके परिवार वाले चुनाव लड़ रहे हैं. (Photo : X)

बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण का मतदान शुरू हो गया है. वैसे तो 121 सीटों पर वोटिंग हो रही है, लेकिन दुलारचंद यादव हत्याकांड के बाद सबकी नजर मोकामा सीट पर टिक गई है. यह सीट बिहार की सबसे 'हॉट सीट' बन चुकी है.

यहां का मुकाबला भी छोटा-मोटा नहीं है. एक तरफ जेडीयू के बाहुबली उम्मीदवार अनंत सिंह हैं, जो हत्या के आरोप में फिलहाल जेल में हैं. दूसरी तरफ आरजेडी ने बाहुबली सूरजभान सिंह की पत्नी वीणा देवी को मैदान में उतारा है. यानी मुकाबला 'बाहुबली बनाम बाहुबली' परिवार का हो गया है.

लेकिन कहानी सिर्फ मोकामा पर खत्म नहीं होती. पहले ही चरण में ऐसी आधा दर्जन से ज्यादा सीटें हैं, जहां या तो खुद बाहुबली नेता या उनके परिवार वाले अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. आइए देखते हैं वो कौन सी सीटें हैं.


1. एकमा: धूमल सिंह की वापसी की जंग

सारण जिले की एकमा सीट पर भी सबकी निगाहें हैं. यहां से जेडीयू ने बाहुबली मनोरंजन सिंह उर्फ धूमल सिंह को टिकट दिया है. धूमल सिंह पहले भी यहां से विधायक रह चुके हैं, लेकिन पिछला चुनाव हार गए थे. इस बार उनकी टक्कर आरजेडी के श्रीकांत यादव से है. जन सुराज पार्टी के आने से यहां मुकाबला और भी कड़ा हो गया है.

2. कुचायकोट: बाहुबली बनाम उद्योगपति

गोपालगंज की कुचायकोट सीट का मुकाबला दिलचस्प है. यहां जेडीयू के बाहुबली नेता अमरेंद्र पांडे उर्फ पप्पू पांडे मैदान में हैं, जो 2010 से लगातार जीत रहे हैं. उन पर हत्या, रंगदारी जैसे 14 मामलों के आरोप हैं, हालांकि सजा किसी में नहीं हुई. उनके खिलाफ कांग्रेस ने दुबई के एक बड़े कारोबारी हरिनारायण सिंह कुशवाहा को उतारा है.

3. दानापुर: जेल से लड़ रहे रीतलाल यादव

पटना की दानापुर सीट आरजेडी के लिए नाक का सवाल बन गई है. यहां से बाहुबली रीतलाल यादव आरजेडी के टिकट पर जेल से ही चुनाव लड़ रहे हैं. उनका मुकाबला बीजेपी के रामकृपाल यादव से है, जो कभी लालू यादव के बहुत करीबी हुआ करते थे. यह सीट लालू यादव की बेटी मीसा भारती के संसदीय क्षेत्र में आती है, इसलिए यहां जीत के लिए पूरा जोर लगाया जा रहा है.

4. रघुनाथपुर: विरासत बचाने उतरे शहाबुद्दीन के बेटे

सीवान की राजनीति कभी बाहुबली शहाबुद्दीन के इर्द-गिर्द घूमती थी. अब उनकी सियासी विरासत संभालने के लिए उनके बेटे ओसामा शहाब मैदान में उतरे हैं. आरजेडी ने अपने मौजूदा विधायक का टिकट काटकर ओसामा को रघुनाथपुर से उम्मीदवार बनाया है. शहाबुद्दीन की पत्नी हिना शहाब कई बार लोकसभा चुनाव हार चुकी हैं, ऐसे में अब देखना होगा कि क्या ओसामा अपने परिवार की विरासत को आगे बढ़ा पाते हैं.

5. मांझी: पिता की साख बचाने की चुनौती

सारण की मांझी सीट पर भी एक बाहुबली परिवार की प्रतिष्ठा दांव पर है. यहां से प्रभुनाथ सिंह के बेटे रणधीर सिंह जेडीयू के टिकट पर लड़ रहे हैं. प्रभुनाथ सिंह एक विधायक की हत्या के मामले में जेल में सजा काट रहे हैं. रणधीर के सामने सीपीआई (एम) के मौजूदा विधायक सत्येंद्र यादव की कड़ी चुनौती है.


कुल मिलाकर, पहले चरण की वोटिंग सिर्फ सरकार बनाने के लिए नहीं है, बल्कि यह इन बाहुबली नेताओं और उनके परिवारों का सियासी भविष्य भी तय करेगी.