मुंबई: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की स्पेशल कोर्ट ने वर्ष 2008 के मालेगांव बम धमाके (Malegaon Blast Case) में प्रज्ञा सिंह ठाकुर (Pragya Singh Thakur) सहित सभी आरोपियों को कोर्ट में पेश होने के लिए कहा है. हालांकि कोर्ट ने सभी आरोपियों को हफ्ते में केवल एक बार कोर्ट में हाजिर होने का फैसला सुनाया है. एनआईए (NIA) कोर्ट ने सुनवाई 20 मई तक टाल दी है.
मुंबई स्थित एनआईए की स्पेशल कोर्ट ने शुक्रवार को सुनवाई के बाद प्रज्ञा ठाकुर, ले. कर्नल प्रसाद पुरोहित और अन्य सभी आरोपियों को हफ्ते में एक बार पेश होने का निर्देश दिया है. दरअसल सुनवाई के दौरान आरोपियों के कोर्ट में पेश नहीं होने पर नाराजगी जाहिर की. अब इस मामले में अगली सुनवाई 20 मई को होगी.
प्रज्ञा ठाकुर मौजूदा समय में जमानत पर बाहर हैं. अब तक उन्हें किसी भी मामले में दोषी नहीं ठहराया गया है. इसके अलावा लंबी सुनवाई के बाद उनके ऊपर लगाया गया महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण कानून (मकोका) हटा लिया गया था. जिसके बाद सिंह अब एक आतंक रोधी कानून, अनधिकृत गतिविधि निवारक अधिनियम (यूएपीए) की कड़ी धाराओं के तहत मुकदमे का सामना कर रही हैं.
गौरतलब हो कि मालेगांव बम विस्फोट मामले की आरोपी प्रज्ञा ठाकुर को बीजेपी द्वारा उम्मीदवार बनाए जाने से मध्यप्रदेश की भोपाल संसदीय सीट काफी सुर्खियों में आ गई है. प्रज्ञा का मुकाबला दिग्गज कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह से है.
Special NIA court in Mumbai directs all accused of Malegaon 2008 blast case to remain present before the court atleast once a week.Accused include Pragya Thakur, Lt Col Prasad Purohit and others.Court expressed displeasure over their absence in courtroom. Next hearing on May 20 pic.twitter.com/CSqSPX0zyy
— ANI (@ANI) May 17, 2019
29 सितंबर, 2008 में महाराष्ट्र के मालेगांव में शक्ति गुड्स ट्रांसपोर्ट कंपनी के सामने एक एलएमएल फ्रीडम मोटरसाइकिल में रखा गया विस्फोटक फट गया. घटना में छह लोगों की मौत हुई थी और 100 से ज्यादा लोग घायल हुए थे.
महाराष्ट्र एटीएस के प्रमुख हेमंत करकरे ने मामला अपने हाथ में लिया. एटीएस ने पाया कि विस्फोट में इस्तेमाल की गई मोटरसाईकिल ठाकुर के नाम से पंजीकृत है, जो कि एबीवीपी की पूर्व सदस्य रह चुकी थीं. एटीएस ने पाया कि घटना में हिंदुत्व संगठन अभिनव भारत और स्वंयभू बाबा सुधाकर द्विवेदी ऊर्फ दयानंद पांडे इसमें शामिल है. प्रज्ञा को मामले में 24 अक्टूबर 2008 को गिरफ्तार किया गया.