Madhya Pradesh Floods: मध्य प्रदेश में उतर रहा बाढ़ का पानी, अभी भी नर्मदा नदी खतरे के निशान से 8 फीट ऊपर
मध्य प्रदेश के बाढ़ग्रस्त इलाके (Photo Credits: Twitter)

भोपाल: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में भारी बारिश और बाढ़ (Flood) से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. प्रदेश के होशंगाबाद (Hoshangabad), सीहोर, रायसेन, देवास, हरदा तथा विदिशा जिलों में सबकुछ जलमग्न हो गया है. जबकि इस प्राकृतिक आपदा से अब तक कम से कम 10 लोगों की मौत हो गई है. इस बीच मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) ने बताया कि बाढ़ का पानी घट रहा है. फिलहाल प्रशासन सभी की मदद करने की कोशिश कर रहा है और बचाव-कार्य तेजी से जारी है.

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को कहा कि होशंगाबाद में नर्मदा (Narmada River) का पानी अभी भी खतरे के निशान से 8 फीट ऊपर बह रहा है. कई गांव अभी भी जलमग्न है लेकिन प्रशासन सब जगह पहुंच चुका है. पश्चिमी मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों में कल (30 अगस्त) बारिश हुई जिसके कारण गांधी सागर के बांध के गेट खोलने पड़े हैं और चंबल में लोगों को सतर्क किया गया है. मध्य प्रदेश में बारिश के कारण आठ लोगों की मौत, गुजरात और ओडिशा के कई हिस्सों में बाढ़ की स्थिति

बाढ़ के हालात की जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री ने आगे कहा “गांवों से पानी उतर रहा है. अब सबसे बड़ी जरूरत राहत की है क्योंकि सामान सड़ गया है और बीमारियां फैलने का खतरा है. सबसे बड़ी चिंता शुद्ध पेयजल, भोजन उपलब्ध कराने की है, जिस पर ध्यान दिया जा रहा है. आज मैंने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से बात की और उन्हें नुकसान की जानकारी दी है.”

बाढ़ के बीच फंसे लोगों की जान बचाने के लिए उन्होंने एयरफोर्स (IAF), एनडीआरएफ (NDRF), एसडीआरएफ (SDRF) समेत सभी अधिकारियों का धन्यवाद किया. बाढ़ में फंसे लोगों को बचाने के लिए भारतीय वायुसेना के पांच हेलीकॉप्टर तैनात किए गए है. अब तक हजारों लोगों को सुरक्षित रेस्क्यू किया गया है.

मध्य प्रदेश में हुई जोरदार बारिश ने बाढ़ के हालात पैदा कर दिए हैं. राज्य के नदी-नाले उफान पर हैं, परिणामस्वरूप 12 जिलों के 411 से अधिक गांव बाढ़ की चपेट में है. मुख्यमंत्री चौहान ने राज्य की स्थिति को लेकर प्रधानमंत्री मोदी से भी चर्चा की. वह खुद हालात की मॉनिटरिंग कर रहे है. इसके लिए उन्होंने अपने निवास कार्यालय को ही कंट्रोल रूम में तब्दील कर दिया है. बताया जा रहा है कि राज्य की प्रमुख नर्मदा नदी में साल 1999 के बाद ऐसे हालात बने हैं.