शंघाई में अरुणाचल की बेटी से बदसलूकी, भारत ने चीन को लगाई कड़ी फटकार, जानें प्रेमा वांगजोम के साथ क्या हुआ?
(Photo : X)

भारत और चीन के बीच सीमा को लेकर पुराना विवाद है, जो कभी-कभी छोटी-छोटी घटनाओं से फिर से गरमा जाता है. हाल ही में एक ऐसी ही घटना हुई, जब अरुणाचल प्रदेश की एक भारतीय महिला को चीन के शंघाई एयरपोर्ट पर रोक लिया गया. यह मामला इतना बड़ा बन गया कि भारत सरकार ने चीन के खिलाफ जोरदार विरोध जताया.

घटना क्या थी? 

21 नवंबर 2025 की बात है. पेम वांगजोम थोंगडोक नाम की एक महिला, जो अरुणाचल प्रदेश के वेस्ट कामेंग जिले के रूपा गांव से हैं, लेकिन अब यूके में रहती हैं, लंदन से जापान जा रही थीं. रास्ते में उन्हें शंघाई के पुडोंग इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर ट्रांजिट करना था. ट्रांजिट मतलब प्लेन बदलना, जहां बिना वीजा के 24 घंटे तक रुक सकते हैं. उनके पास भारतीय पासपोर्ट था, सब दस्तावेज सही थे.

लेकिन वहां के चीनी इमिग्रेशन अधिकारियों ने उन्हें रोक लिया. वजह? क्योंकि उनका जन्मस्थान अरुणाचल प्रदेश है, और चीन कहता है कि अरुणाचल उसका हिस्सा है, जिसे वह 'जंगनान' कहता है. अधिकारियों ने कहा कि पासपोर्ट अमान्य है, क्योंकि तुम चीनी हो. महिला को 18 घंटे से ज्यादा समय तक हिरासत में रखा गया. उन्हें परेशान किया गया, कभी कहते कुछ, कभी कुछ. खाना-पानी तो दिया, लेकिन सामान्य तरीके से जाने नहीं दिया. आखिरकार, वे किसी तरह निकल पाईं और 23 नवंबर को सोशल मीडिया पर अपनी आपबीती शेयर की.

India China Standoff, Arunachal Pradesh
(Photo : AI)

यह कोई पहली बार नहीं है. चीन अक्सर अरुणाचल को अपना बताता है, लेकिन भारत इसे अपना अभिन्न अंग मानता है. इस घटना ने दोनों देशों के बीच तनाव फिर से बढ़ा दिया.

भारत ने क्या किया? 

भारत सरकार ने इसे बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया. 24 नवंबर को ही विदेश मंत्रालय (MEA) ने चीन को बीजिंग और दिल्ली में मजबूत डेमार्श दिया. डेमार्श मतलब आधिकारिक विरोध पत्र. शंघाई में भारतीय वाणिज्य दूतावास ने महिला की मदद की और मामले को उठाया. MEA के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा है. यह एक साफ-साफ हकीकत है, चीन कितना भी इनकार करे, यह नहीं बदलेगी."

उन्होंने यह भी कहा कि चीन का यह कदम अंतरराष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन है. जैसे शिकागो और मॉन्ट्रियल कन्वेंशन्स, जो हवाई यात्रा के नियम बनाते हैं. चीन खुद 24 घंटे का वीजा-फ्री ट्रांजिट देता है, लेकिन यहां तो उसने अपना ही नियम तोड़ा. भारत ने कहा कि चीन को इसकी सफाई देनी चाहिए, क्योंकि यह मनमानी हरकत है.

सरकार के सूत्रों ने बताया कि जब दोनों देश रिश्ते सुधारने की कोशिश कर रहे हैं, ऐसे में चीन की यह हरकत अनावश्यक बाधा डाल रही है. हाल में SCO समिट में नेताओं की मुलाकात हुई थी, और चाइना ईस्टर्न एयरलाइंस ने शंघाई-दिल्ली फ्लाइट्स फिर शुरू की थीं. लेकिन यह घटना सब पर पानी फेर सकती है.

चीन ने क्या कहा? 

चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने 25 नवंबर को जवाब दिया. उन्होंने कहा कि कोई हिरासत या उत्पीड़न नहीं हुआ. सब कानून के मुताबिक था, महिला के अधिकारों की रक्षा की गई, और उसे खाना, पानी, आराम दिया गया. लेकिन साथ ही उन्होंने दोहराया कि 'जंगनान' चीन का क्षेत्र है, और भारत ने 'अरुणाचल प्रदेश' को अवैध रूप से बनाया है. चीन ने आरोपों को नकार दिया, लेकिन कोई ठोस वजह नहीं बताई कि क्यों रोका गया. भारत ने कहा कि चीन अभी तक अपने कदम की सफाई नहीं दे पाया है.

सोशल मीडिया और लोगों की राय 

यह मामला सोशल मीडिया पर खूब चर्चा में रहा. X (ट्विटर) पर कई पोस्ट्स आए, जहां लोग भारत के स्टैंड की तारीफ कर रहे थे. जैसे, एक यूजर ने लिखा कि भारत ने सही समय पर मजबूत विरोध जताया. कुछ विशेषज्ञों ने कहा कि चीन के साथ रिश्ते सुधारते समय सतर्क रहना चाहिए, क्योंकि बॉर्डर विवाद को नजरअंदाज नहीं कर सकते. महिला ने खुद अपनी कहानी शेयर की, जिससे लोगों में गुस्सा फैला. कुछ ने कहा कि चीन की यह हरकत कायरता है.

सीमा विवाद का इतिहास 

भारत और चीन के बीच सीमा विवाद 1962 के युद्ध से चला आ रहा है. अरुणाचल प्रदेश 3,488 किलोमीटर लंबी लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) का हिस्सा है. चीन दावा करता है कि यह तिब्बत का हिस्सा है, लेकिन भारत कहता है कि यह हमारा राज्य है, जहां चुनाव होते हैं, लोग रहते हैं. हाल के सालों में कई बार तनाव बढ़ा, जैसे गलवान घाटी में 2020 की झड़प. लेकिन अब बातचीत से सुधार की कोशिश हो रही है.

यह घटना दिखाती है कि छोटी चीजें भी बड़े विवाद को हवा दे सकती हैं. भारत ने साफ कर दिया कि अपने नागरिकों और क्षेत्र की रक्षा में कोई समझौता नहीं करेगा.