India-US Trade Deal: भारत की अपनी एक 'Red Line' है, उसे क्रॉस न करें; विदेश मंत्री S. Jaishankar का अमेरिका को सख्त संदेश

S. Jaishankar on India-US Trade Deal: भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने शुक्रवार को अमेरिका को एक स्पष्ट संदेश दिया है. जयशंकर ने कहा कि भारत अपनी 'Red Lines' यानी सीमाएं जानता है और उम्मीद करता है कि Washington उनका सम्मान करेगा. जयशंकर ने कहा कि हम अमेरिका के साथ कई मुद्दों पर बातचीत कर रहे हैं, लेकिन हमें अभी तक व्यापार समझौते के लिए कोई ठोस आधार नहीं मिला है. कुछ शुल्क लगाए गए हैं, जिन्हें हम अनुचित मानते हैं. अमेरिका ने रूस से ऊर्जा खरीद को लेकर भी हमें निशाना बनाया है, जबकि कई अन्य देश जिनके रूस के साथ अच्छे संबंध (India Russia Relations) नहीं हैं, वे भी ऐसा ही कर रहे हैं.

विदेश मंत्री Kautilya Economic Conclave में बोल रहे थे, जहां उन्होंने भारत-अमेरिका व्यापार समझौते पर चल रही बातचीत, रूस से ऊर्जा खरीद और वैश्विक शक्ति संतुलन पर खुलकर बात की.

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'हर चीज को हथियार की तरह इस्तेमाल किया जा रहा'

उन्होंने कहा कि दोनों देश इन मुद्दों को सुलझाने के लिए बातचीत कर रहे हैं. वैश्विक राजनीति में बढ़ती प्रतिस्पर्धा की ओर इशारा करते हुए, जयशंकर ने कहा कि आज दुनिया में "हर चीज को हथियार की तरह इस्तेमाल करने" की प्रवृत्ति बढ़ रही है.

उन्होंने कहा, "आज, अगर किसी देश के पास कोई संसाधन है, तो वह उसका इस्तेमाल करने से नहीं हिचकिचाता, खासकर अगर वह एक प्रमुख शक्ति केंद्र हो."

'शक्तिशाली देश अन्य देशों को कमजोर समझ रहे'

विदेश मंत्री ने यह भी कहा कि कुछ शक्तिशाली देशों को यह महसूस हो रहा है कि अब उन्हें बाकी दुनिया की उतनी जरूरत नहीं रही जितनी पहले थी. जयशंकर ने कहा, "वे अपनी शक्ति का खुलेआम अपने हितों के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं."

ऊर्जा नीति पर बोलते हुए, जयशंकर ने कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका अब ऊर्जा आयातक से निर्यातक बन गया है, जो उसकी रणनीतिक सोच का हिस्सा है. दूसरी ओर, चीन ने खुद को नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में अग्रणी के रूप में स्थापित किया है.