नई दिल्ली: संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के मंच पर एक बार फिर भारत ने पाकिस्तान को आतंकवाद के मुद्दे पर जमकर लताड़ लगाई है. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के भाषण के बाद, भारत ने अपने 'जवाब के अधिकार' का इस्तेमाल करते हुए पाकिस्तान के झूठ और दोहरेपन की पोल खोल दी. संयुक्त राष्ट्र में भारत की फर्स्ट सेक्रेटरी पेटल गहलोत ने जिस तरह से पाकिस्तान को आईना दिखाया, उसकी चर्चा पूरी दुनिया में हो रही हि
"जले हुए रनवे जीत लगते हैं तो मुबारक हो"
पेटल गहलोत ने अपने भाषण की शुरुआत एक ऐसे तंज से की, जिसने पाकिस्तान के दावों की हवा निकाल दी. उन्होंने कहा, "पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने हालिया संघर्ष में अपनी जीत का दावा किया. अगर तबाह हुए रनवे और जले हुए हैंगर उन्हें जीत जैसे लगते हैं, तो पाकिस्तान को ऐसी जीत का आनंद लेने के लिए स्वागत है."
उन्होंने साफ किया कि भारतीय सेना ने पाकिस्तान के कई एयरबेस को जो नुकसान पहुंचाया था, उसकी तस्वीरें दुनिया भर में मौजूद हैं. भारत ने यह कार्रवाई अपने निर्दोष नागरिकों पर हुए आतंकी हमले के जवाब में की थी. पेटल ने कहा, "सच तो यह है कि अतीत की तरह, इस बार भी भारत में हुए आतंकी हमले के लिए पाकिस्तान जिम्मेदार है. हमने अपने लोगों की रक्षा करने के अपने अधिकार का इस्तेमाल किया है."
#WATCH | New York | Exercising the right of reply of India on Pakistan PM Shehbaz Sharif's speech, First Secretary in India's Permanent Mission to the UN, Petal Gahlot says, "The intervening event was the destruction caused to multiple Pakistani air bases by Indian forces. The… pic.twitter.com/VBIIXLhzyd
— ANI (@ANI) September 27, 2025
शांति चाहिए तो बंद करें आतंक की दुकान
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने अपने भाषण में भारत के साथ शांति की इच्छा जताई थी. इस पर पेटल गहलोत ने कहा कि अगर पाकिस्तान सच में शांति चाहता है, तो रास्ता बिल्कुल साफ है. उन्होंने कहा, "पाकिस्तान को तुरंत अपने यहां चल रहे सभी आतंकवादी कैंपों को बंद करना होगा और भारत में वॉन्टेड आतंकवादियों को हमें सौंपना होगा."
उन्होंने पाकिस्तान के दोहरे चरित्र पर सवाल उठाते हुए कहा, "यह विडंबना है कि एक देश जो नफरत, कट्टरता और असहिष्णुता की नीति पर चलता है, वह इस महासभा को आस्था और धर्म पर उपदेश दे रहा है. पाकिस्तान की राजनीति और वहां की सार्वजनिक बहस उसके असली चरित्र को दर्शाती है. उन्हें एक बार आईने में झांकने की सख्त जरूरत है."
आतंकवाद पर कोई नरमी नहीं, परमाणु धमकी से नहीं डरेंगे
भारत ने दुनिया को एक बार फिर साफ संदेश दिया कि आतंकवाद के मुद्दे पर कोई समझौता नहीं होगा. पेटल गहलोत ने कहा, "हम यह स्पष्ट कर रहे हैं कि आतंकवादियों और उन्हें पालने वालों के बीच कोई भेद नहीं किया जाएगा. दोनों को जवाबदेह ठहराया जाएगा."
उन्होंने पाकिस्तान की परमाणु धमकी की गीदड़भभकी पर भी करारा जवाब दिया. उन्होंने कहा, "हम आतंकवाद को परमाणु ब्लैकमेल की आड़ में चलने नहीं देंगे. भारत ऐसी धमकियों के आगे कभी नहीं झुकेगा. दुनिया के लिए भारत का संदेश साफ है- आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस होना चाहिए."
पाकिस्तान का झूठ और फरेब दुनिया के सामने
भारतीय राजनयिक ने पाकिस्तान द्वारा गढ़ी गई झूठी कहानियों का भी पर्दाफाश किया. उन्होंने कहा, "इस सदन ने सुबह पाकिस्तान के प्रधानमंत्री का बेतुका नाटक देखा, जिन्होंने एक बार फिर आतंकवाद का महिमामंडन किया, जो उनकी विदेश नीति का केंद्र है. लेकिन कोई भी ड्रामा या झूठ तथ्यों को छिपा नहीं सकता."
उन्होंने कुछ उदाहरण भी दिए:
- आतंकियों का महिमामंडन: उन्होंने कहा कि जब पाकिस्तान के वरिष्ठ सैन्य और नागरिक अधिकारी कुख्यात आतंकवादियों का सार्वजनिक रूप से गुणगान करते हैं, तो उस सरकार की नीयत पर कोई संदेह नहीं रह जाता. उन्होंने 'ऑपरेशन सिंदूर' का जिक्र किया, जिसमें भारतीय सेना ने बहावलपुर और मुरिदके के आतंकी ठिकानों पर कई आतंकियों को मार गिराया था.
- झूठी कहानी: उन्होंने बताया कि 9 मई तक पाकिस्तान भारत पर और हमलों की धमकी दे रहा था, लेकिन 10 मई को पाकिस्तानी सेना ने सीधे लड़ाई रोकने के लिए भारत से गुहार लगाई.
- आतंकियों को बचाया: उन्होंने याद दिलाया कि यही पाकिस्तान है जिसने 25 अप्रैल 2025 को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में 'द रेजिस्टेंस फ्रंट' जैसे आतंकी संगठन को बचाया था, जिसने जम्मू-कश्मीर में पर्यटकों का क्रूर नरसंहार किया था.
अंत में, उन्होंने कहा कि पाकिस्तान का आतंकवाद को पालने और उसे एक्सपोर्ट करने का लंबा इतिहास रहा है. उसने ओसामा बिन लादेन को एक दशक तक पनाह दी और हाल ही में उसके मंत्रियों ने खुद स्वीकार किया है कि वे दशकों से आतंकी कैंप चला रहे हैं. यह धोखा और फरेब आज भी जारी है.













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