नई नदिल्ली: देश के लाखों छात्रों के लिए राहतभरी खबर है. आज सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने अहम फैसला सुनाते हुए नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) को अंडर ग्रेजुएट्स (NEET-UG) 2021 के लिए राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा के परिणाम घोषित करने की अनुमति दे दी है. सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाईकोर्ट के उस आदेश पर भी रोक लगा दी, जिसने एनटीए (NTA) को महाराष्ट्र के दो छात्रों के फिर से एग्जाम लेने और दो हफ्ते में परिणाम घोषित करने का निर्देश दिया था. एनईईटी परिणाम: एनटीए ने अपनी याचिका पर न्यायालय से जल्द सुनवाई का अनुरोध किया
दरअसल इसी साल 12 सितंबर को हुई नीट परीक्षा में 16 लाख से अधिक छात्रों ने हिस्सा लिया था. लेकिन सोलापुर के दो छात्रों ने निरीक्षक की असावधानी के कारण उन्हें एग्जाम के दौरान टेस्ट बुकलेट और ओएमआर शीट गलत (बेमेल) देने का आरोप लगाते हुए कोर्ट का रुख किया था. जिसके बाद बॉम्बे हाईकोर्ट ने दोनो छात्रों के लिए अलग से परीक्षा आयोजित कराने के आदेश दिए, जिससे सभी छात्रों का रिजल्ट रुक गया. इसके कारण एमबीबीएस, बीडीएस, बीएएमएस, बीएसएमएस, बीयूएमएस, बीएचएमएस सहित यूजी मेडिकल कोर्सेज की एडमिशन प्रक्रिया में भी देरी हो गई.
Supreme Court allows National Testing Agency to declare results of the National Eligibility cum Entrance Test for Under Graduates (NEET-UG) 2021
Supreme Court also put a stay on the Bombay High Court order which had directed the NTA to hold the declaration of results. pic.twitter.com/gkICRzru6m
— ANI (@ANI) October 28, 2021
हालांकि बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाते हुए देश की शीर्ष कोर्ट ने कहा कि नीट-पीजी के दोनों छात्रों के हितों की रक्षा करनी भी जरुरी है और उन्हें अधर में नहीं छोड़ा जा सकता है. इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट ने एनटीए को नोटिस भेजकर जवाब मांगा है. इस दौरान कोर्ट ने यह भी टिप्पणी की थी की दो छात्रों के लिए 16 लाख छात्रों का रिजल्ट रोकना सही नहीं है.
जस्टिस एल नागेश्वर राव की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा, "हम 16 लाख छात्रों के परिणाम को रोक नहीं सकते." बेंच ने याचिकाकर्ता के वकील से कहा, " हम तय करेंगे कि (दिवाली की छुट्टी के बाद) फिर से खुलने पर दोनों छात्रों का क्या होगा. इस बीच, हम नोटिस जारी करते हैं और एक काउंटर दाखिल करते हैं."
केंद्र का प्रतिनिधित्व कर रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा है कि जो भी भ्रम है, उसे ठीक किया जाएगा. बेंच ने याचिकाकर्ता के वकील से कहा, "आप अपने मुवक्किलों के बारे में बात कर रहे हैं, लेकिन उन लाखों छात्रों पर विचार नहीं कर रहे हैं, जो परिणाम की प्रतीक्षा कर रहे हैं." (एजेंसी इनपुट के साथ)