बेंगलुरु, 4 जुलाई: कर्नाटक में चल रहे अनुसूचित जाति (एससी) सर्वेक्षण के दौरान एक परेशान करने वाली झड़प ने विवाद को फिर से हवा दे दी है, जब बुधवार सुबह (2 जुलाई) बेंगलुरु में बीबीएमपी (ब्रुहट बेंगलुरु महानगर पालिका) के एक कर्मचारी ने कथित तौर पर एक घर के मालिक पर हमला किया. सुबह करीब 9:30 बजे हुई यह घटना सीसीटीवी में कैद हो गई और तब से यह सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है, जिसमें सर्वेक्षण कर्मियों के आचरण की तीखी आलोचना हो रही है. घर के मालिक नंदीश ने आरोप लगाया कि बीबीएमपी कार्यकर्ता ने बिना किसी पूर्व चर्चा या डेटा संग्रह के उनके घर पर जाति सर्वेक्षण का स्टिकर चिपका दिया. जब उन्होंने प्रक्रिया पर सवाल उठाया, तो टकराव हाथापाई में बदल गया. यह भी पढ़ें: Seoni Accident: घर के बाहर खेल रहे डेढ़ साल के बच्चे को ऑटो रिक्शा चालक ने कुचला, मासूम की हुई मौत, मध्य प्रदेश के सिवनी का वीडियो आया सामने;VIDEO
घर के मालिक ने प्रक्रिया पर सवाल उठाए तो धक्का दिया
नंदीश के अनुसार, नगर निगम का कर्मचारी उनके घर पहुंचा और जाति सर्वेक्षण से संबंधित एक स्टिकर चिपका दिया, अनिवार्य बातचीत या सत्यापन नहीं किया. पूछताछ करने पर, कर्मचारी कथित रूप से हिंसक हो गया और उसके साथ मारपीट की. सुरेश के रूप में पहचाने जाने वाले कर्मचारी ने मारपीट शुरू करने से इनकार किया है. न्यू इंडियन एक्सप्रेस को दिए गए एक बयान में, उसने दावा किया कि घर के मालिक ने अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया और पहले उसे मारने का प्रयास किया. सुरेश ने कहा, "जब उसने मुझे मारने की कोशिश की तो मैंने गुस्से में उसे धक्का दे दिया."
मारपीट की पूरी घटना कैमरे में कैद
BBMP staffer caught on CCTV allegedly assaulting a Bengaluru house owner, Nandeesh, during the ongoing SC community survey. Stickers pasted without consent, and when questioned, the civic worker resorted to physical violence. pic.twitter.com/BIFlp0Pvfm
— Harish Upadhya (@harishupadhya) July 4, 2025
इससे पहले भी ऐसा ही विवाद हो चुका है
यह घटना बीबीएमपी द्वारा इसी तरह की प्रक्रियागत चूक के लिए आलोचना का सामना करने के ठीक एक दिन बाद हुई है. इससे पहले एक वीडियो सामने आया था, जिसमें निवासियों से बातचीत किए बिना घरों पर सर्वेक्षण स्टिकर चिपकाए जा रहे थे, जिसके कारण तीन अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया था. कर्नाटक में जाति डेटा संग्रह पहले से ही राजनीतिक रूप से चार्ज की जाने वाली कवायद है, ऐसे में ऐसी घटनाएं सर्वेक्षण की विश्वसनीयता और ग्राउंड स्टाफ की तैयारियों के बारे में चिंताओं को बढ़ा रही हैं. बीबीएमपी ने अभी तक इस नवीनतम विवाद पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है.












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