
पुणे, 22 फरवरी : केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने शनिवार को यहां पश्चिमी क्षेत्रीय परिषद की बैठक में बच्चों और वयस्कों में कुपोषण को लेकर चिंता व्यक्त की और हर संभव सुधारात्मक उपाय करने का आह्वान किया. एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया कि शाह ने परिषद की 27वीं बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें महाराष्ट्र, गुजरात और गोवा के मुख्यमंत्री, दादर और नगर हवेली तथा दमन और दीव के प्रशासक और महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री शामिल हुए. उन्होंने वित्तीय पहुंच बढ़ाने में हुई प्रगति की सराहना की और कहा कि प्रत्येक गांव के पांच किलोमीटर के अंदर बैंक शाखाएं या डाक बैंकिंग सुविधाएं स्थापित करने का लक्ष्य लगभग पूरा हो चुका है. बैठक में इस दूरी को और कम करके तीन किलोमीटर करने का नया लक्ष्य रखा गया.
विज्ञप्ति में कहा गया है कि शाह ने कहा कि पश्चिमी क्षेत्र के राज्य देश के सबसे समृद्ध राज्यों में से हैं, लेकिन इन राज्यों में बच्चों व वयस्कों में कुपोषण और बौनेपन की व्यापकता पर भी चिंता व्यक्त की. शाह ने स्कूल छोड़ने की दर को कम करने और शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के महत्व पर प्रकाश डाला. केंद्रीय गृह मंत्री ने दालों के आयात पर भी चिंता व्यक्त की और घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर बल दिया. उन्होंने कहा कि जहां पहले किसानों को दालों के उचित मूल्य पाने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था, वहीं सरकार ने एक मोबाइल ऐप तैयार किया है, जिससे किसानों की 100 प्रतिशत उपज न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर सीधे खरीदी जा सकती है. उन्होंने पश्चिमी राज्यों से इस ऐप को सक्रिय रूप से बढ़ावा देने का आग्रह किया. यह भी पढ़ें : केंद्रीय मंत्री शाह ने पश्चिमी क्षेत्र के राज्यों से कुपोषण से निपटने के लिए कदम उठाने का आग्रह किया
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 'सहकार से समृद्धि' के दृष्टिकोण के बारे में बात करते हुए शाह ने कहा कि सहकारिता 100 प्रतिशत रोजगार हासिल करने की कुंजी है. नये आपराधिक कानूनों के कार्यान्वयन का उल्लेख करते हुए गृह मंत्री ने कहा कि अब समय आ गया है कि नागरिकों को उनके सभी संवैधानिक अधिकारों का लाभ मिले, यह सुनिश्चित किया जाए. शाह ने कहा कि डिजिटल बुनियादी ढांचे और साइबर अपराध से संबंधित मुद्दों को भी अंतरराज्यीय परिषद के दायरे में लाया जाएगा.