पाकिस्तान ने पीटीएम पर भारत और इजरायल की मिलीभगत से राष्ट्र विरोधी गतिविधियों का आरोप लगाया
प्रतिकात्मक तस्वीर (Photo Credits: File Image)

इस्लामाबाद, 12 अगस्त: देश में आंतरिक दरार के बीच, पाकिस्तान सरकार ने गुरुवार को एक रिपोर्ट पेश करते हुए पश्तून तहफुज मूवमेंट (पीटीएम) पर बड़ा आरोप लगाया है, जो एक नागरिक समाज समूह है, जिसमें मुख्य रूप से पाकिस्तान के कबायली इलाकों में रहने वाले जातीय पश्तून शामिल हैं. पाकिस्तान ने आरोप लगाया है कि पीटीएम भारत, इजरायल और अफगानिस्तान के साथ मिलकर राष्ट्र विरोधी प्रवृत्तियों को आगे बढ़ाने का काम कर रहा है. सूचना और प्रसारण मंत्रालय के तहत डिजिटल मीडिया विंग ने एक एंटी-स्टेट ट्रेंड्स डीप एनालिटिक्स रिपोर्ट (2019 से 2021) तैयार की है, जिसमें बताया गया कि कैसे सरकार पर दबाव बनाने के लिए हैस्टैग को बढ़ाया गया. रिपोर्ट में कहा गया है कि उन्होंने सभी हैशटैग और उन हैशटैग के पीछे के लोगों का विश्लेषण किया है. रिपोर्ट में जिन लोगों का उल्लेख किया गया है, उनमें पीटीएम और बलूच अलगाववादी, मुख्यधारा के राजनीतिक दल (पीएमएलएन, एएनपी, जेयूआई-एफ) और अन्य विदेशी शत्रुतापूर्ण एक्टर्स; इजरायल और भारत शामिल हैं. रिपोर्ट में भारत की राष्ट्रीय जांच एजेंसी और इजरायल के पत्रकारों पर स्थानीय एक्टर्स के साथ मिलीभगत का भी आरोप लगाया गया है. रिपोर्ट में स्थानीय तत्वों द्वारा चलाए जा रहे हैशटैग को देश की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बताया गया है. रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि उनका उद्देश्य शत्रुतापूर्ण विदेशी शक्तियों के सहयोग से फर्जी खबरों का प्रचार करके पाकिस्तान की स्थिति को खराब करना और उसका उपहास करना रहा है.

इसने कहा कि पीटीएम ने अपनी स्थापना के बाद से एक दबाव समूह के रूप में काम किया है. यह न्याय के लिए एक आंदोलन के रूप में शुरू हुआ और फिर एक राजनीतिक आंदोलन में बदल गया. रिपोर्ट में कहा गया है, कुछ मांगों से लेकर राज्य के साथ टकराव तक की यह यात्रा पीटीएम द्वारा चलाए जा रहे ट्विटर ट्रेंड्स में परिलक्षित होती है. राष्ट्रीय संस्थानों के खिलाफ उनकी नारेबाजी ऑनलाइन क्षेत्र में फैल गई है और यह उनकी ऑनलाइन उपस्थिति का एक प्रमुख हिस्सा बन गया है. रिपोर्ट में आगे कहा गया है, संदिग्ध उद्देश्यों/पृष्ठभूमि वाले असंतुष्ट, बलूच अलगाववादी, सिंधी अलगाववादी, शत्रुतापूर्ण विदेशी सरकारें (भारत और अफगानिस्तान) और कोई भी एक्टर, जो पाकिस्तान के राष्ट्रीय संस्थानों को बदनाम और उनका उपहास करना चाहता है, वह पीटीएम के साथ मिलकर काम कर रहे हैं. रिपोर्ट में 670 से अधिक दिनों तक पाकिस्तानी ट्रेंड पैनल की समीक्षा की और 125 से अधिक दिनों के लिए पीटीएम ने पाकिस्तान के राष्ट्र संस्थानों को बदनाम करने वाले रुझान चलाए.

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रिपोर्ट में कहा गया है, पीटीएम ने पाकिस्तानी सेना पर दुष्कर्म, हत्या, नरसंहार, युद्ध अपराध, यातना, भूमि हथियाने, भ्रष्टाचार और पाकिस्तानियों को मारने के लिए एजेंडा चलाया है. इसमें कहा गया है कि उनके अधिकांश रुझान अपने एक्टविस्ट्स और गुर्गों को रिहा करने के लिए दबाव बनाने के लिए हैं. पीटीएम ने यह धारणा बनाई है कि उनकी आवाज दबाई गई है और उन्हें मीडिया द्वारा उचित कवरेज नहीं दिया जाता है. यह भी कहा गया है कि पाकिस्तान में उर्दू फ्रैंचाइजी चलाने वाले अधिकांश ऑप-एड और विदेशी प्रकाशन नियमित रूप से ऐसी रिपोर्ट्स प्रकाशित करते हैं, जो न केवल पीटीएम को कवर करते हैं, बल्कि वे चुपचाप अपने दावों और उद्देश्यों को विश्वसनीयता देते हैं. रिपोर्ट में कहा गया है, इस मौन समर्थन के कारण पाकिस्तान में वीओए दीवा और आरईएफआरएल पर प्रतिबंध लगा दिया गया, लेकिन प्रतिबंध के बावजूद वे पीटीएम के साथ मिलकर काम करने में जुटे हुए हैं.

इसने यह भी आरोप लगाया कि भारत की राष्ट्रीय जांच एजेंसी हमेशा इसके हैशटैग के साथ सक्रिय रूप से जुड़कर और उसका उपयोग करके पीटीएम रुझानों में मदद करती है. रिपोर्ट में यह आरोप भी लगाया गया है कि पीटीएम उन हैशटैग का भी उपयोग करता है, जो अफगानिस्तान और भारत में ट्रेंड कर रहे होते हैं और जो पाकिस्तान के खिलाफ हैं और इसे पाकिस्तान में ट्रेंड करने के लिए प्रेरित किया जाता है. इसके अलावा यह आरोप भी है कि विकिपीडिया व्यवस्थापकों (ज्यादातर भारतीय) की एक टीम है, जो उल्लेखनीय पीटीएम सदस्यों के लिए उनके प्रोफाइल प्रकाशित करके छवि निर्माण करने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रही है. रिपोर्ट ने उदाहरण का हवाला दिया कि भारत ने 14 अगस्त, 2019 को 1.45 लाख से अधिक ट्वीट्स के साथ हैशटैग ब्लुचिस्तान सोलिडेटरी डे बड़े पैमाने पर चलाया था. पीटीएम ने इस हैशटैग का इस्तेमाल करना शुरू किया और पाकिस्तान में अभियान का नेतृत्व किया तथा पाकिस्तान के स्वतंत्रता दिवस पर पूरे दिन पाकिस्तान में यह ट्रेंड करता रहा.