
Fact Check: सोशल मीडिया पर एक चौंकाने वाली और झूठी खबर ने तहलका मचा दिया है. वायरल हो रही पोस्ट्स में दावा किया जा रहा था कि टीवी और मराठी फिल्मों की जानी-मानी एक्ट्रेस रेशम टिपनिस (Actress Resham Tipnis) के 18 साल के बेटे मानव सेठ (Manav Seth) की मौत हो गई है. अफवाह थी कि मानव ने मुंबई के कांदिवली इलाके की एक ऊंची इमारत की 57वीं मंजिल से छलांग लगाकर जान दे दी. ये खबर सबसे पहले सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पहले ट्विटर) और फेसबुक पेजों पर वायरल हुई, जिसमें रेशम के बेटे की मौत का दावा किया गया.
कई पेजों ने बिना पुष्टि के लिखा कि रेशम टिपनिस “हर माता-पिता का सबसे बुरा सपना जी रही हैं.”
रेशम टिपनिस के बेटे की मौत की अफवाह वायरल


रेशम टिपनिस ने खुद बताई सच्चाई
हालांकि, इस खबर पर खुद रेशम टिपनिस ने विराम लगा दिया है. एक्ट्रेस ने अपने निजी सोशल मीडिया अकाउंट से पोस्ट करते हुए कहा: "Pls ignore this... somebody is spreading fake news about my son Manav. He is fine and healthy by Bappa’s blessings. But whoever has done this is going behind bars. If anyone can help me find them, please comment."
रेशम ने साफ तौर पर बताया कि उनका बेटा मानव पूरी तरह से स्वस्थ है और ऐसी झूठी खबरें न केवल उन्हें, बल्कि उनके परिवार को भी मानसिक तौर पर परेशान कर रही हैं. उन्होंने ऐसे अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने का ऐलान किया है.
आखिर क्यों फैली फर्जी अफवाह?
असल में, 57वीं मंजिल से कूदकर जान देने वाला लड़का कोई और था, जिसका पहचान 14 साल के पंत आरती मकवाना (Pant Aarti Makwana) के रूप में हुई थी, जो कथित तौर पर एक गुजराती अभिनेत्री का बेटा था. पुलिस के अनुसार, यह दुखद घटना 3 जून को हुई और मामला अभी जांच में है.
रेशम टिपनिस की निजी और प्रोफेशनल ज़िंदगी की बात करें तो उन्होंने अभिनेता संजीव सेठ (Actor Sanjeev Seth) से शादी की थी और उनके दो बच्चे हैं — रिषिका और मानव सेठ. रेशम बिग बॉस मराठी, बाज़ीगर, जय हो, श्रीमान श्रीमती और अहिल्याबाई जैसे टीवी शोज और फिल्मों में अपनी पहचान बना चुकी हैं.
फेक न्यूज से सावधान!
इस पूरे प्रकरण से एक बार फिर यह बात सामने आई कि फेक न्यूज और अफवाहें कैसे सोशल मीडिया पर आग की तरह फैलती हैं, और बिना किसी पुष्टि के लोगों की भावनाओं से खेला जाता है. रेशम टिपनिस के मामले में भी, कई लोगों ने उनकी दुख की घड़ी में संवेदना जताई, जबकि असलियत कुछ और ही थी.
अब सवाल यह है कि क्या ऐसे मामलों में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स और झूठी खबरें फैलाने वालों पर सख्त कार्रवाई होगी? और क्या आम लोग भी ऐसी खबरों को बिना जांचे-परखे शेयर करना बंद करेंगे?