Devshayani Ekadashi 2025 Wishes: देवशयनी एकादशी की इन हिंदी Quotes, WhatsApp Messages, Facebook Greetings के जरिए दें शुभकामनाएं
देवशयनी एकादशी 2025 (Photo Credits: File Image)

Devshayani Ekadashi 2025 Wishes in Hindi: देवशयनी एकादशी (Devshayani Ekadashi) को आषाढ़ी एकादशी (Ashadhi Ekadashi), हरिशयनी एकादशी (Harishayani Ekadashi) और पद्मनाभा एकादशी (Padmanabha Ekadashi) जैसे कई नामों से जाना जाता है. हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को देवशयनी एकादशी का व्रत किया जाता है. पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक इस दिन से चार महीने तक के लिए भगवान विष्णु योग निद्रा में चले जाते हैं और कार्तिक मास में शुक्ल पक्ष की एकादशी को वे योग निद्रा से जागते हैं, इसलिए उस दिन देवउठनी एकादशी मनाई जाती है. इस साल देवशयनी एकादशी 6 जुलाई 2025 को मनाई जा रही है. इसी दिन से चतुर्मास का आरंभ आरंभ हो जाएगा और अगले चार महीनों तक के लिए यज्ञोपवीत संस्कार, विवाह, दीक्षाग्रहण, यज्ञ, गृह प्रवेश जैसे मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाएगी.

मान्यता है कि एकादशी का व्रत करने से साधक के जन्म-जन्मांतर के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं. आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की देवशयनी एकादशी के दिन स्नान करने के बाद पीले रंग के वस्त्र धारण करके भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए. इसके साथ ही इस खास अवसर पर आप इन हिंदी विशेज, कोट्स, वॉट्सऐप मैसेजेस, फेसबुक ग्रीटिंग्स को अपनों संग शेयर करके उन्हें देवशयनी एकादशी की शुभकामनाएं दे सकते हैं.

1- हर घर के आंगन में तुलसी,
तुलसी बड़ी महान है,
जिस घर में ये तुलसी रहती,
वो घर स्वर्ग समान है.
देवशयनी एकादशी की शुभकामनाएं

देवशयनी एकादशी 2025 (Photo Credits: File Image) 

2- विष्णु जिनका नाम हो,
वैकुंठ जिनका धाम हो,
देवशयनी एकादशी के शुभ अवसर पर,
श्रीहरि को शत-शत प्रणाम.
देवशयनी एकादशी की शुभकामनाएं

देवशयनी एकादशी 2025 (Photo Credits: File Image)

3- ताल बजे और बजे मृदंगा,
बजे श्रीहरि की वीणा,
करें विष्णु की जय-जयकार,
आषाढ़ी एकादशी पर करें उनके गुणगान.
देवशयनी एकादशी की शुभकामनाएं

देवशयनी एकादशी 2025 (Photo Credits: File Image)

4- देवशयनी एकादशी के पावन अवसर पर,
भगवान विष्णु आपके सभी पापों का नाश करें.
ऊं नमो भगवते वासुदेवाय नम:
देवशयनी एकादशी की शुभकामनाएं

देवशयनी एकादशी 2025 (Photo Credits: File Image)

5- शान्ताकारं भुजगशयनं पद्मनाभं सुरेशं
विश्वाधारं गगनसदृशं मेघवर्णं शुभाङ्गम् ।
लक्ष्मीकान्तं कमलनयनं योगिभिर्ध्यानगम्यं
वन्दे विष्णुं भवभयहरं सर्वलोकैकनाथम् ॥
देवशयनी एकादशी की शुभकामनाएं

देवशयनी एकादशी 2025 (Photo Credits: File Image)

प्रचलित पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, देवशयनी एकादशी के दिन चतुर्मास आरंभ होते ही जगत के पालनहार भगवान विष्णु धरती का कार्य भगवान शिव को सौंपकर खुद विश्राम के लिए चले जाते हैं, इसलिए इस दौरान भगवान शिव की उपासना का अत्यधिक महत्व बताया जाता है. चातुर्मास के दौरान पूजा-पाठ, कथा, अनुष्ठान से सकारात्मक ऊर्जा मिलती है, इसलिए इस दौरान भजन, कीर्तन, संत्सग, कथा, भागवत जैसे धार्मिक अनुष्ठान किए जाते हैं.