नई दिल्ली: पाकिस्तान (Pakistan) समर्थित जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) के मुखिया मसूद अजहर (Masood Azhar) को संयुक्त राष्ट्र (यूएन) में वैश्विक आतंकी घोषित करवाने की कवायद को तेज करने में भारत को अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस का साथ मिला है. यूएन सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस ने मसूद अजहर के खिलाफ बैन प्रस्ताव में अड़ंगा डालने के लिए चीन को अल्टिमेटम दिया है.
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस जैश सरगना को वैश्विक आतंकी घोषित कराने के पक्ष में है. जबकि चीन अपने विशेष ताकत के बलबूते इस प्रस्ताव में तकनीकी आधार पर बाधा डालता है. इसलिए चीन को तीनों देशों ने 23 अप्रैल तक का समय दिया है. हालांकि यूएन में बैन प्रस्ताव को पास करवाने को लेकर मिले अल्टिमेटम पर चीन ने अपना रुख साफ नहीं किया है.
खबर है कि काउंसिल में इस प्रस्ताव को अनौपचारिक तौर पर करीब 15 देशों को भेजा गया है. उम्मीद जताई जा रही है कि चीन जैश सरगना पर अपना स्टैंड बदलेगा. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) प्रतिबंध कमिटी अगले कुछ दिनों में एक बार फिर मसूद अजहर पर अंतरराष्ट्रीय बैन लगाने के लिए विचार-विमर्श और सहमति बनाने की फिर से कोशिश करेगा.
गौरतलब हो कि फरवरी महीने में चीन ने चौथी बार अजहर पर संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंध लगाने के प्रस्ताव का विरोध किया था. बीजिंग ने अजहर को अंतर्राष्ट्रीय आतंकवादी घोषित करने के प्रस्ताव पर तकनीकी रोक लगाई थी. चीन ने कहा था कि वह मसूद अजहर को अंतर्राष्ट्रीय आतंकी घोषित कराने के लिए अमेरिका की ओर से लाए गए एकपक्षीय मसौदा प्रस्ताव का समर्थन नहीं करेगा. इसके साथ ही उसने वाशिंगटन के इस कदम की आलोचना भी की थी.
पाकिस्तान पर बहुत से देशों द्वारा जेईएम सहित आतंकी मसूद अजहर के खिलाफ कार्रवाई करने का दबाव है. मसूद अजहर भारत में 14 फरवरी को हुए पुलवामा आत्मघाती हमले समेत कई हमले में वांछित है. जेईएम ने 14 फरवरी को जम्मू एवं कश्मीर के पुलवामा में हुए आत्मघाती आतंकवादी हमले की जिम्मेदारी ली थी. इसमें 40 सीआरपीएफ जवान शहीद हो गए थे.