Vivekanand Jayanti 2025: प्रत्येक वर्ष 12 जनवरी का दिन स्वामी विवेकानंद की जयंती के रूप में मनाया जाता है. यह दिवस विवेकानंद के विचारों और उनके योगदान की स्मृति तथा उन्हें युवाओं के बीच प्रेरित करने का अवसर है. 1984 को 'राष्ट्रीय युवा दिवस' के रूप में घोषित होने के अगले साल 1985 से निर्विरोध पूरे देश में मनाया जा रहा है. स्वामी जी का दृष्टिकोण युवा सशक्तिकरण और राष्ट्रीय विकास के लिए अत्यंत प्रेरणादायक था.
स्वामी जी का मानना था कि किसी भी राष्ट्र की प्रगति उसकी युवा पीढ़ी की शक्ति पर निर्भर करती है. उनके अनुसार, युवा सिर्फ समाज का भविष्य ही नहीं, बल्कि उसका वर्तमान भी होते हैं. उन्होंने हमेशा से युवाओं को प्रेरित किया ताकि वे अपनी क्षमता का सही उपयोग कर राष्ट्र निर्माण में प्रचुर योगदान दे सकें. युवाओं के संदर्भ में स्वामी विवेकानंद के दृष्टिकोण के कुछ मुख्य बिंदु देखें.ये भी पढ़े:Swami Vivekananda Jayanti 2025 Wishes: स्वामी विवेकानंद जयंती की इन हिंदी WhatsApp Messages, Facebook Greetings, Quotes के जरिए दें शुभकामनाएं
आत्मविश्वास: स्वामी विवेकानंद ने युवाओं में आत्मविश्वास जगाने और अपने भीतर की शक्तियों को पहचानने की प्रेरणा दी. उनका मानना था कि आत्मविश्वास से ही व्यक्ति अपने जीवन में महान कार्य कर सकता है और समाज में सकारात्मक बदलाव ला सकता है.
तन, मन और आत्मीय शक्ति का संतुलन: स्वामी जी ने युवाओं को शारीरिक, मानसिक और आत्मिक विकास के महत्व को समझाया. उनके अनुसार, एक युवा को न केवल शरीर से मजबूत होना चाहिए, बल्कि उसे मानसिक एवं आत्मीय रूप में भी सशक्त होना चाहिए.
देशभक्ति और सेवा का भाव: स्वामी जी ने युवा शक्ति को हमेशा से अपने देश और समाज की सेवा की प्रेरणा दी. उनका मानना था कि युवाओं का कर्तव्य है कि वे समाज की समस्याओं का समाधान करें, राष्ट्र की प्रगति में योगदान दें.
सकारात्मक सोचः विवेकानंद ने सकारात्मक सोच और सक्रिय रूप से काम करने की आवश्यकता पर बल दिया. उन्होंने युवाओं से कहा कि वे हर परिस्थिति में अपनी क्षमता का सर्वोत्तम उपयोग करें, और नकारात्मकता से बचें.
शिक्षा का महत्व: स्वामी जी ने युवाओं को बताया कि किस तरह व्यक्ति की शिक्षा राष्ट्र की प्रगति के लिए महत्वपूर्ण है. उनके अनुसार उच्च गुणवत्ता की शिक्षा से ही समाज में जागरूकता और सुधार संभव है.
इस तरह हम देखते हैं कि स्वामी विवेकानंद का दृष्टिकोण युवा सशक्तिकरण और राष्ट्रीय विकास के लिए एक प्रेरणा है. उनके अनुसार अगर युवा अपनी जिम्मेदारी समझते हुए आत्मविश्वास, सकारात्मकता, शिक्षा और देशभक्ति के साथ अपना कार्य करें, तो वे समाज और राष्ट्र के लिए एक मजबूत आधार बना सकते हैं.