साल के इस आखिरी सूर्य ग्रहण की तारीख ज्यों-ज्यों करीब आ रही है, इसे लेकर तरह-तरह की दुविधाएं एवं धारणाएं सुर्खियां बन रही हैं. यद्यपि ऐसा भी कहा जा रहा है कि 4 दिसंबर को पड़ने वाला सूर्य ग्रहण ना तो भारत में कहीं दिखेगा, और ना ही इसका कोई दुष्प्रभाव पड़ेगा और ना ही इसका सूतक काल मान्य होगा. लेकिन ज्योतिषीय मान्यतानुसार यह सूर्य ग्रहण शनि अमावस्या के साथ लग रहा है, इसलिए इसका महात्म्य बढ़ गया है. अब यह भी कहा जा रहा है कि 4 दिसंबर को पड़ने वाले इस सूर्य ग्रहण पर राहु अशुभ योग बना रहा है, जिसका असर सभी 12 राशियों पर भी पड़ सकता है. आइये इस संदर्भ में ज्योतिष शास्त्र क्या कहता है?
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार 4 दिसंबर शनिवार के दिन भारत में सूर्य ग्रहण भले ही ना दिखे, और सूतक काल भी मान्य नहीं हो, लेकिन हिंदू शास्त्रों के अनुसार कुछ वजहों से यह सूर्य ग्रहण खास बन रहा है. यह ग्रहण मार्गशीर्ष माह की शनि अमावस्या के दिन लग रहा है, तथा इस ग्रहण पर राहू का भी साया पड़ने वाला है. इससे इस ग्रहण का महात्म्य बढ़ गया है. ज्योतिषीय गणना के अनुसार 4 दिसंबर 2021 के दिन ग्रहण काल में पांच ग्रह बुध, केतु, सूर्य और चंद्र वृश्चिक राशि में रहेंगे. जबकि शुक्र धनु राशि में मंगल तुला राशि में, शनि मकर राशि में, गुरु कुंभ राशि में और राहु वृषभ राशि में रहेंगे. इसके अलावा सूर्य, चंद्र, बुध पर भी राहु की नजर रहेगी. इस साथ-साथ शनि पर मंगल और राहु की नजर रहेगी. इन सभी ग्रहों की सक्रियता एक अशुभ योग का भी निर्माण कर सकते हैं, जो कुछ राशि वाले जातकों के लिए चिंता का विषय हो सकता है. आइये जानें सूर्य ग्रहण के दिन ग्रहों का यह खेल क्या-क्या रंग दिखा सकता है यह भी पढ़ें : Shree Dnyaneshwar Maharaj Sanjeevan 2021: संत ज्ञानेश्वर महाराज का 725वां संजीवन समाधि दिवस, अपनों के साथ शेयर करें उनके ये अनमोल मराठी विचार
देश-विदेश में क्या असर दिखा सकता है यह ग्रहण?
सूर्य ग्रहण 4 दिसंबर 2021 को शुरु होकर 10.59 बजे से दोपहर 3.07 बजे तक रहेगा. यह ग्रहण भारत में नहीं दिखेगा और ना ही सूतक काल मान्य होगा. ऐसे ग्रहण को खग्रास सूर्य ग्रहण कहते हैं, जो आस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका, अंटार्कटिका, दक्षिणी अटलांटिक महासागर और दक्षिण हिंद महासागर में दिखाई देगा. इस ग्रहण पर राहु के अशुभ प्रभाव के कारण कुछ स्थानों पर बड़े राजनीतिक फेर-बदल की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता. इसके अलावा बढ़ती महंगाई भी सभी के लिए चिंता का सबब बन सकती है.