मुंबई, 30 दिसंबर: ग्रहण एक खगोलीय घटना है जिसमें एक खगोलीय पिंड दूसरे की छाया में चला जाता है, जिससे एक अस्थायी अंधेरा या आवरण बन जाता है. साल 2025 में इस साल चार बड़े ग्रहण होंगे, जिनमें से दो सूर्य ग्रहण (Surya Grahan) होंगे और अन्य दो चंद्र ग्रहण (Chandra Grahan) होंगे. ये दुर्लभ घटनाएं दुनिया के विभिन्न हिस्सों में आकाश देखने वालों को शानदार नज़ारे दिखाएंगी, हालांकि कुछ भारत से दिखाई नहीं देंगे. विशेष रूप से भारत दो सूर्य ग्रहण नहीं देख पाएगा, लेकिन साल के अंत में पूर्ण चंद्र ग्रहण देखने का मौका मिलेगा. 2025 में चंद्र ग्रहण में 14 मार्च को एक पूर्ण चंद्र ग्रहण और 7-8 सितंबर को एक और चंद्र ग्रहण शामिल है. जबकि भारत पहला चंद्र ग्रहण नहीं देख पाएगा, दूसरा अपने लुभावने "ब्लड मून" (Blood Moon) प्रभाव से पूरे देश में आकाश देखने वालों को चकित कर देगा. यह भी पढ़ें: भारत ने अंतरिक्ष में डॉकिंग तकनीक के परीक्षण के लिए रॉकेट लॉन्च किया
इनके साथ-साथ, इस साल उल्का वर्षा, सुपरमून और अन्य खगोलीय चमत्कार भी देखने को मिलेंगे. आइये इन खगोलीय नजारों में गोता लगाएं और आने वाले शानदार वर्ष की तारीखें चिह्नित करें.
पूर्ण चंद्र ग्रहण: 14 मार्च (Lunar Eclipse)
2025 की पहली बड़ी खगोलीय घटना पूर्ण चंद्र ग्रहण होगी, जो 14 मार्च को होगी. चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा क्योंकि यह देश में दिन के समय होता है. हालांकि, अमेरिका, पश्चिमी यूरोप, पश्चिमी अफ्रीका और उत्तरी और दक्षिणी अटलांटिक महासागर जैसे क्षेत्रों में आकाशदर्शी चंद्रमा को गहरे लाल रंग में बदलते हुए देखेंगे. इस घटना को अक्सर "ब्लड मून" के रूप में जाना जाता है, जो इसे देखने वाले भाग्यशाली लोगों के लिए एक आश्चर्यजनक दृश्य प्रस्तुत करता है.
आंशिक सूर्य ग्रहण: 29 मार्च, 2025 (Solar Eclipse)
2025 की दूसरी बड़ी घटना 29 मार्च को आंशिक सूर्य ग्रहण होगी, जिसे सूर्य ग्रहण के रूप में भी जाना जाता है. दुर्भाग्य से, यह ग्रहण भी भारत में दिखाई नहीं देगा. यह उत्तरी अमेरिका, ग्रीनलैंड, आइसलैंड, उत्तरी अटलांटिक महासागर, यूरोप और उत्तर-पश्चिमी रूस के कुछ हिस्सों में देखा जा सकेगा. आंशिक सूर्यग्रहण तब होता है जब चंद्रमा सूर्य के केवल एक हिस्से को ढकता है, जिससे आकाश में सूर्य की अर्धचंद्राकार आकृति का अद्भुत दृश्य बनता है.
2025 में अन्य खगोलीय घटनाएं
ग्रहणों के अलावा 2025 में कई रोमांचक खगोलीय घटनाएं होंगी, जिनका आकाशदर्शी बेसब्री से इंतज़ार कर रहे हैं. इनमें उल्का वर्षा, सुपरमून और अनोखी ग्रहीय घटनाएं शामिल हैं. यहां कुछ अन्य मुख्य आकर्षणों पर एक नज़र डालें:
उल्का वर्षा:
क्वाड्रैंटिड्स - 3-4 जनवरी: प्रति घंटे 80-120 उल्काएं
पर्सीड्स - 12-13 अगस्त: प्रति घंटे 100 उल्काएं
जेमिनिड्स - 14-15 दिसंबर: प्रति घंटे 150 उल्काएं
सुपरमून:
7 अक्टूबर
5 नवंबर
5 दिसंबर
मंगल का विरोध:
16 जनवरी: मंगल पृथ्वी के सबसे करीब होगा, जिससे मंगल ग्रह को देखने का एक दुर्लभ अवसर मिलेगा.
पिंक माइक्रोमून:
13 अप्रैल: पृथ्वी से सबसे दूर एक पूर्णिमा, जो एक अनोखा खगोलीय नज़ारा पेश करेगी.
जैसे-जैसे 2025 आगे बढ़ रहा है, यह ग्रहणों से लेकर उल्का वर्षा और सुपरमून तक खगोलीय चमत्कारों से भरा साल होने वाला है. हालांकि भारत में कुछ ग्रहण नहीं दिख सकते हैं, लेकिन सितंबर में होने वाला पूर्ण चंद्रग्रहण देश में आकाश को देखने वालों के लिए एक दुर्लभ और लुभावना अवसर प्रदान करता है. मार्स ऑपोजिशन और पिंक माइक्रोमून जैसी अन्य रोमांचक खगोलीय घटनाओं के साथ, 2025 सितारों को देखने वालों के लिए एक यादगार साल बनने जा रहा है.