Shree Dnyaneshwar Maharaj Sanjeevan 2021: संत ज्ञानेश्वर महाराज का 725वां संजीवन समाधि दिवस, अपनों के साथ शेयर करें उनके ये अनमोल मराठी विचार
संत ज्ञानेश्वर संजीवन समाधि 2021 (Photo Credits: File Image)

Shree Dnyaneshwar Maharaj Sanjeevan 2021: भारत में वैसे तो कई महान संत हुए हैं, जिनमें से एक हैं संत ज्ञानेश्वर महाराज (Shree Dnyaneshwar Maharaj), जो तेरहवीं सदी के एक महान संत माने जाते हैं. संत ज्ञानेश्वर महाराज (Sant Dnyaneshwar Maharaj) की गणना देश के महान संतों और मराठी कवियों में होती है. वे संत नामदेव के समकालीन थे और उनके साथ उन्होंने पूरे महाराष्ट्र (Maharashtra) का भ्रमण कर लोगों को ज्ञान और भक्ति से परिचित कराया था. इसके साथ ही उन्होंने समता और समभाव का उपदेश दिया. संत ज्ञानेश्वर महाराज ने ही ज्ञानेश्वरी की रचना की थी. उनका जन्म सन 1275 में महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले के पैठण के पास गोदावरी नदी के किनारे आपेगांव में भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को हुआ था. उनके पिता का नाम विट्ठल पंत और माता का नाम रुक्मिणी बाई था. आज यानी 2 दिसंबर को संत ज्ञानेश्वर महाराज का 725वां संजीवन समाधि दिवस मनाया जा रहा है.

कोरोना संकट को देखते हुए इसके गाइडलाइन्स के अनुसार, इस साल आलंदी में कार्तिकी यात्रा की प्रशासन ने अनुमति दी है. जो 27 नवंबर से 4 दिसंबर तक चलेगी. ऐसे में संत ज्ञानेश्वर महाराज के 725वें संजीवन समाधि दिवस पर आप उनके इन महान मराठी विचारों को अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ शेयर कर सकते हैं. उनके इन महान विचारों से जीवन को सकारात्मक दिशा में ले जाने की प्रेरणा ली जा सकती है.

1- ज्ञानी लोकांच्या सानिध्यात राहुनही मूर्ख लोक ज्ञान ग्रहण न करता त्यांच्यात वाईटच शोधत बसतात - संत ज्ञानेश्वर

संत ज्ञानेश्वर संजीवन समाधि 2021 (Photo Credits: File Image)

2- आज जरी यश, सुख, समृद्धी माझ्या पायाशी लोळण घेत असली, तरी उद्या किंवा कधीही नष्ट होऊ शकते याची सतत जाणीव ठेऊन, मी अहंकाराला दूर ठेवले पाहिजे. - संत ज्ञानेश्वर

संत ज्ञानेश्वर संजीवन समाधि 2021 (Photo Credits: File Image)

3- प्रयत्न न करता सहजपणे मिळेल अशी कोणतीही गोष्ट या भूतलावर अस्तित्त्वात नाही  - संत ज्ञानेश्वर

संत ज्ञानेश्वर संजीवन समाधि 2021 (Photo Credits: File Image)

4- माझ्या आयुष्यात घडणाऱ्या घटना, परिस्थिती, यावर माझे अनेकदा नियंत्रण नसते. मात्र त्यावेळी सकारात्मक विचार अन् योग्य वर्तन नक्कीच माझ्या हाती आहे. - संत ज्ञानेश्वर

संत ज्ञानेश्वर संजीवन समाधि 2021 (Photo Credits: File Image)

5- भावेविण भक्ती, भक्तीवीण मुक्ती  बळेवीण शक्ती बोलू नये - संत ज्ञानेश्वर

संत ज्ञानेश्वर संजीवन समाधि 2021 (Photo Credits: File Image)

संत ज्ञानेश्वर महाराज संजीवन समाधि दिवस के आयोजन पर पंढरपुर से श्री विट्ठल की पादुका सहित भक्त पुंडलिक और संत नामदेव की पादुका आलंदी लेकर पहुंचते हैं. आषाढ़ी यात्रा के दौरान सभी संतों की पादुकाएं विट्ठल के चरणों में दर्शन के लिए लाई जाती हैं, लेकिन मान्यता है कि कार्तिकी वैद्य एकादशी और संत ज्ञानेश्वर महाराज के संजीवन दिवस पर विट्ठल स्वयं उपस्थित रहते हैं.