
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा से पहले कुवैत में उनके स्वागत की जोरदार तैयारियां चल रही हैं. कुवैत में 'Hala Modi' कार्यक्रम की रिहर्सल चल रही है. दरअसल प्रधानमंत्री के स्वागत के लिए 'Hala Modi' नामक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें भारतीय समुदाय के हजारों लोग शामिल होंगे. इस कार्यक्रम में भारतीय संस्कृति और परंपराओं का प्रदर्शन किया जाएगा. कार्यक्रम की रिहर्सल जोर-शोर से चल रही हैं. न्यूज एजेंसी ANI ने इससे जुड़ा एक वीडियो साझा किया है. इस वीडियो में आप भारतीय संस्कृति के कई रूप देख सकते हैं.
'Hala Modi' कार्यक्रम में भारतीय संस्कृति, संगीत, और परंपराओं का प्रदर्शन किया जाएगा. यह न केवल प्रवासी भारतीयों के लिए गर्व का पल होगा, बल्कि कुवैत के लोगों के लिए भी भारत को करीब से समझने का अवसर प्रदान करेगा.
पीएम मोदी का कुवैत दौरा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) 21-22 दिसंबर 2024 को कुवैत की ऐतिहासिक यात्रा पर जा रहे हैं. 43 वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की यह पहली कुवैत यात्रा होगी. कुवैत जाने वाले आखिरी भारतीय प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी थीं, जिन्होंने 1981 में यह दौरा किया था. पीएम मोदी के इस दौरे का उद्देश्य भारत और कुवैत के बीच द्विपक्षीय संबंधों को और गहरा करना है. कुवैत के क्राउन प्रिंस शेख मेशल अल-अहमद अल-जबर अल-सबाह ने प्रधानमंत्री मोदी को इस यात्रा के लिए आमंत्रित किया है.
कुवैत में 'Hala Modi' की भव्य तैयारियां
#WATCH | Rehearsals for for 'Hala Modi' event underway in Kuwait, ahead of PM Modi's visit.
PM Narendra Modi will visit Kuwait on 21-22 December 2024. This will be the first visit of an Indian Prime Minister to Kuwait in 43 years. pic.twitter.com/IVG5k72fYU
— ANI (@ANI) December 20, 2024
क्यों महत्वपूर्ण है PM मोदी की यह यात्रा?
विदेश मंत्रालय के अनुसार, इस दौरे से भारत और कुवैत के बीच एक नया अध्याय शुरू होने की उम्मीद है. इस दौरे के दौरान भारत और कुवैत के बीच रक्षा संबंधों को और मजबूत करने की योजनाएं बनाई जाएंगी. इसके साथ ही व्यापार और निवेश पर भी चर्चा होगी.
भारत-कुवैत संबंधों पर असर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यह यात्रा दोनों देशों के बीच संबंधों को नई ऊंचाई पर ले जाएगी. कुवैत के साथ भारत का रिश्ता हमेशा से मैत्रीपूर्ण रहा है. यह दौरा व्यापार, रक्षा, और सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत करने के साथ-साथ दोनों देशों के लोगों के बीच आपसी समझ को भी गहरा करेगा.