Good News for Farmers: नए साल पर मोदी सरकार का बड़ा तोहफा; इन राज्यों के किसानों को होगा जबरदस्त फायदा
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नई दिल्ली: मोदी सरकार ने किसानों को नए साल से पहले बड़ी सौगात दी है. 2025 के लिए कोपरा (नारियल का गोला) की न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) नीति को मंजूरी दे दी गई है. इस फैसले का उद्देश्य किसानों की आमदनी बढ़ाना और उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है. केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि मोदी सरकार ने हमेशा किसानों के लिए समर्पण की भावना से काम किया है. उन्होंने कहा कि आज किसानों के लिए बड़ा फैसला लिया गया है. वैष्णव ने बताया कि 2025 सीजन के लिए कोपरा (गरी का गोला) के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को मंजूरी दे दी है.

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केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishnaw) ने कहा, "किसानों के कल्याण के लिए कई फैसले लिए गए हैं. यह किसानों के जीवन को बेहतर बनाने के प्रति प्रधानमंत्री की प्रतिबद्धता को दर्शाता है... हमारे देश में कोपरा उत्पादन में कर्नाटक का हिस्सा सबसे ज्यादा है... कोपरा की खरीद के लिए नैफेड और NCCF दोनों केंद्रीय नोडल एजेंसियां ​​होंगी और इसके अलावा राज्य सरकारों की इसमें बड़ी भूमिका होगी, इसलिए यह खरीद राज्य सरकार के निगमों के सहयोग से की जाएगी."

2025 सीजन के लिए कोपरा के MSP को मंजूरी: अश्विनी वैष्णव

कोपरा की नई कीमतें

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस निर्णय की घोषणा करते हुए बताया कि मिलिंग कोपरा की कीमत में पिछले वर्ष की तुलना में 422 रुपये प्रति क्विंटल का इजाफा किया गया है. अब इसकी नई कीमत ₹11,582 प्रति क्विंटल होगी. वहीं, बॉल कोपरा की कीमत 12,100 रुपये प्रति क्विंटल तय की गई है, जिसमें पिछले साल की तुलना में ₹100 प्रति क्विंटल का इजाफा हुआ है.

किसानों को मोदी सरकार का गिफ्ट

इन राज्यों के किसानों को होगा फायदा

भारत में कोपरा उत्पादन में कर्नाटक सबसे आगे है, जिसका कुल उत्पादन में 32.7% हिस्सा है. इसके बाद तमिलनाडु (25.7%), केरल (25.4%), और आंध्र प्रदेश (7.7%) का स्थान है. मंत्री ने बताया कि इस फैसले से इन राज्यों के किसानों को सबसे अधिक लाभ होगा.

सरकार की योजना और बजट

इस नई नीति के तहत, कोपरा खरीद के लिए सरकार ने ₹855 करोड़ का बजट आवंटित किया है. खरीद प्रक्रिया को सफलतापूर्वक लागू करने के लिए नेफेड (NAFED) और एनसीसीएफ (NCCF) जैसी केंद्रीय नोडल एजेंसियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है. इसके अलावा, राज्य सरकारों का भी इसमें अहम योगदान रहेगा.