
भारत में प्रत्येक वर्ष 4 मार्च को राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस मनाया जाता है. इस दिवस का मुख्य उद्देश्य सुरक्षा उपायों के प्रति जागरूकता फैलाना और नागरिक सुरक्षा के महत्व के बारे में लोगों को प्रशिक्षित करना है, साथ ही विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत भारतीय सुरक्षा बलों की भूमिका को समझना और उनके योगदान को सम्मानित करना है. भारतीय सुरक्षा परिषद की स्थापना 4 मार्च 1965 में की गई थी. इस स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में ही 4 मार्च को राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस मनाया जाता है. आइये जानते हैं राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस के महत्व, इतिहास एवं भारत में इसके औचित्य के बारे में रोचक फैक्ट्स....
राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस का महत्व
राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस समाज, उद्योग, और देश की सुरक्षा के लिए बेहद महत्वपूर्ण है. इसके महत्व को निम्न बिंदुओं में समझा जा सकता है: यह भी पढ़ें : Masan Holi 2025: कब और क्यों खेली जाती है मसान होली? इस होली में आम लोगों को शामिल होने की इजाजत क्यों नहीं होती?
सुरक्षा के प्रति जागरूकताः राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस लोगों को सुरक्षा मानकों, प्रोसीजर्स और सुरक्षा उपकरणों के उपयोग के बारे में शिक्षित करता है, ताकि संभावित दुर्घटनाओं एवं अप्रत्याशित घटनाओं से बचाया जा सके.
कार्यस्थलों में सुरक्षाः कारखानों, उद्योगों, और अन्य कार्यस्थलों में सुरक्षा नियमों का पालन किया जाए.
सुरक्षा बलों की भूमिका को सम्मानित करनाः इसका महत्वपूर्ण पहलू है भारतीय सुरक्षा बलों (पुलिस, सेना, और अन्य सुरक्षा एजेंसियों) के योगदान को मान्यता देना.
सामाजिक जिम्मेदारी को बढ़ावाः यह दिवस सामाजिक सुरक्षा और सामूहिक जिम्मेदारी को बढ़ावा देता है.
सुरक्षा प्रोटोकॉल की समीक्षाः इस अवसर पर, सुरक्षा प्रोटोकॉल और नियमों की समीक्षा की जाती है.
राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस का इतिहास
राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस का पहला सेलिब्रेशन 4 मार्च 1966 को किया गया था, इसकी शुरुआत भारतीय उद्योग सुरक्षा परिषद ने की थी. गौरतलब है कि भारतीय उद्योग सुरक्षा परिषद की स्थापना 1966 में ही हुई थी और इसका मुख्य उद्देश्य देश में कार्यस्थल सुरक्षा, स्वास्थ्य, और दुर्घटनाओं की रोकथाम को बढ़ावा देना था. इसी उद्देश्य के तहत 4 मार्च 1966 को राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस के रूप में मनाने की परंपरा शुरू की गई, ताकि लोगों को सुरक्षा उपायों के महत्व के बारे में प्रशिक्षित किया जा सके और विभिन्न संस्थाओं में सुरक्षा के मानकों को बढ़ावा दिया जा सके. इसका मुख्य उद्देश्य देश में सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाना और सुरक्षा उपायों को बढ़ावा देना था.
राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस का उद्देश्य
राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस के उद्देश्य को निम्न बिंदुओं से समझा जा सकता है.
* सुरक्षा और स्वास्थ्य के महत्व को याद दिलाना.
* सुरक्षा के उपायों के प्रति जागरूकता पैदा करना.
* कार्यस्थल, समुदाय, और उससे परे सुरक्षा और स्वास्थ्य के बारे में जागरूकता बढ़ाना.
* संगठनों में सुरक्षा, अच्छे स्वास्थ्य, और कल्याण को बढ़ावा देना.
* राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद दुर्घटनाओं को रोकने और कार्यस्थल सुरक्षा और स्वास्थ्य को बढ़ावा देने का काम करता है.