Masan Holi 2025: कब और क्यों खेली जाती है मसान होली? इस होली में आम लोगों को शामिल होने की इजाजत क्यों नहीं होती?

  भगवान शिव की नगरी काशी में एक विशेष प्रकार की होली की परंपरा सदियों से निभाई जा रही हैजिसे मसान होली कहा जाता है. मसान होली भगवान शिव और शमशान से संबंधित बताई जाती है. शिव पुराण के अनुसार भगवान शिव मोक्ष और संहार के देवता हैं, और शमशान वासी हैं. इन्हें शमशान बहुत प्रिय है, वे शमशान में नृत्य करते हैं, और अपने गणों के साथ होली खेलते हैं. मान्यता है कि रंगभरी एकादशी पर शिवजी ने अपने गणों के साथ गुलाल से होली खेली, इसके बाद अगले दिन भूत-प्रेतयक्षगंधर्व और प्रेतों आदि के साथ श्मशान के राख से होली खेली. इसलिए रंगभरी एकादशी के बाद मसान होली खेली जाती है. जानें मसान होली के बारे में कुछ रोचक तथ्य.

कब खेली जाएगी मसान की होली ?

हिंदू पंचांग के अनुसारइस साल रंगों की होली (फाल्गुन पूर्णिमा) 14 मार्च 2025 को मनाई जाएगी. और 10 मार्च को रंगभरी एकादशी मनाई जाएगी. मसान होली इसके अगले दिन यानी फाल्गुन शुक्ल पक्ष द्वादशी के दिन मसान होली खेली जाती है. इस आधार पर इस वर्ष 11 मार्च को मसान होली खेली जाएगी.

कौन खेलता है मसान होली?

प्रारंभ में मसान होली में केवल तपस्वियोंअघोरियों और आध्यात्मिक साधक समूह शामिल होते थे, जिन्होंने लंबे समय तक तपस्या कर सिद्धी प्राप्त कर ली होती है. ये तपस्वीनागा साधु और अघोरी समूह के लोग दूरदराज से शिव की नगरी काशी एकत्र होते और मृतक की राख से मसान होली खेलते हैं. इन राख को स्पर्श करने की सिद्धि और ज्ञान केवल उन्हें ही प्राप्त था. इन  अघोरियों और नागा साधुओं ने खुद को भौतिक और सांसारिक माया से अलग कर चुके होते हैं. मान्यता है कि मसान होली खेलने स्वयं शिव कैलाश से काशी पधारते हैं.

किन्हें नहीं खेलनी चाहिए मसान होली?

चूंकि मसान होली मृत इंसानों के दाह-संस्कार के बाद उत्पन्न राख से खेली जाती है, इसलिए इस होली में आम समाज के लोगों विशेषकर छात्रों, बुजुर्गों, विवाहित स्त्री-पुरुषों, बच्चों एवं अन्य सांसारिक एवं भौतिक लालसा रखने वाले लोगों को मसान होली दूर रहना चाहिए. यह हमारी परंपरा का हिस्सा नहीं बन सकता. यह किसी अनिष्ठ का कारण भी बन सकता है.

सोशल मीडिया और मसान होली!

  सोशल मीडिया के इस युग में मसान होली एक नई चलन बनती जा रही है. मसान होली के अंतरंगी पलों की तस्वीरें और वीडियो बनाने की एक होड़-सी लगी हुई है. सभी को मसान होली की प्रतीक्षा रहती है. हालांकि मसान होली की परंपरा इसका इजाजत नहीं देती, कि आम लोग इसमें शामिल हों, लेकिन चूंकि इस अनूठी परंपरा को देखने देश-विदेश से पर्यटक यहां आते हैं, तो मसान होली के अनूठे पलों को अपनी तस्वीरों और वीडियो में समेटने की सभी कोशिश करते है, और स्वयं भी इस भीड़ में होली का हिस्सा बनने की कोशिश करते हैं, जो लोग मसान होली की महत्ता समझते हैं, उनके लिए किसी किसी अपशकुन से कम नहीं हैं.ह\/