
होली से एक रात पूर्व मनाया जाने वाला पर्व होलिका-दहन वस्तुतः बुराई पर अच्छाई की जीत और नकारात्मकता के जलकर राख होने का प्रतीक है, जिसमें प्रहलाद और होलिका की कहानी भक्ति और धार्मिकता की स्मृतियों को ताजा करती है. होलिका-दहन का यह अनुष्ठान भगवान विष्णु के भक्त प्रह्लाद और उनकी राक्षसी बुआ होलिका की कहानी है. होलिका जिसे अग्नि से न जलने का वरदान प्राप्त था, ने प्रह्लाद को आग में अपनी गोद में बिठाकर मारने की कोशिश की, लेकिन श्रीहरि की विशेष कृपा से प्रह्लाद सुरक्षित बच जाता है, जबकि अहंकार और द्वेष के कारण होलिका स्वयं जलकर राख हो गई. होलिका दहन की रात जलने वाला अलावा बुरी शक्तियों के विनाश और अशुद्धियों के भस्म होने का प्रतिनिधित्व करता है. इस वर्ष 13 मार्च को होलिका-दहन का पर्व मनाया जाएगा. आइये जानते हैं होलिका-दहन का शुभ मुहूर्त तथा इस दिन क्या-क्या कार्य करने से बचना चाहिए.. यह भी पढ़ें : Hola Mohalla Quotes 2025: ‘वाहे गुरुजी का खालसा वाहे गुरुजी की फतेह, जो बोले सो निहाल,’ होला मोहल्ला पर अपनों को दें ऐसी बधाइयां!
होलिका-दहन 2025 का मुहूर्त
फाल्गुन शुक्ल पक्ष पूर्णिमा प्रारंभः 10.35 AM (13 मार्च 2025, गुरुवार)
फाल्गुन शुक्ल पक्ष पूर्णिमा समाप्तः 12.23 AM (14 मार्च 2025, शुक्रवार)
होलिका-दहन शुभ मुहूर्तः 11.26 PM से 12.30 AM तक (13 मार्च 14 मार्च 2025)
होलिका-दहन में भूलकर भी न करें ये गलतियां!
उधार लेन देन न करेः होलिका-दहन के दिन ना किसी से उधार लें ना ही उधार दें. मान्यता है कि इस दिन रुपये-पैसों का लेनदेन करने से घर में कंगाली बनी रहती है.
ये लोग होलिका में अग्नि प्रज्वलित न करेः जिनके एकमात्र पुत्र है, उन्हें होलिका दहन के दिन अग्नि प्रज्वलित नहीं करना चाहिए. अगर पुत्र के साथ पुत्री भी है, तो अग्नि प्रज्वलित कर सकते हैं.
सफेद चीजें खाने से बचेंः होलिका-दहन के दिन परिवार के किसी भी सदस्य को सफेद चीजें खीर, दूध, दही, या बताशा आदि खाने से बचना चाहिए, क्योंकि फाल्गुन पूर्णिमा के दिन सफेद चीजें नकारात्मक शक्तियों को आकर्षित करती है.
बुजुर्गों का अपमान करने से बचेः होलिका-दहन के दिन बड़े बुजुर्गों का अपमान करने से बचें. इस दिन बड़ों का अपमान करने से घर में दोष आते हैं.
दूसरों के घर भोजन करने से बचें! होलिका-दहन दूसरों के घर भोजन करने से बचना चाहिए. ऐसा करने से घर में रोग-दोष आते हैं. इस दिन घर में शुद्ध भोजन बनाकर पहले ईश्वर को भोग लगाएं, उसके समस्त घर वालों को भोग ग्रहण करना चाहिए.
महिलाएं बाल खुला ना रखेंः होलिका-दहन के दिन कई नकारात्मक शक्तियां आसपास घूमती हैं, इसलिए इस दिन महिलाएं अपने बाल खुले नहीं रखने चाहिए, वरना नकारात्मक शक्तियां उसे परेशान करेंगी.
गर्भवती महिलाएं होलिका-दहन का परिक्रमा न करें: इस दिन गर्भवती महिलाओं को होलिका के अलाव की परिक्रमा नहीं करनी चाहिए. इससे गर्भ में पल रहे शिशु की सेहत पर खतरा रहता है.