Chanakya Niti: मूर्ख पुत्र हो या पत्नी अथवा शिष्य ऐसे लोग किसी के लिए भी घातक हो सकते हैं!
Chanakya Niti(img: file photo)

आचार्य चाणक्य भारत ही नहीं दुनिया भर में एक लोकप्रिय अर्थशास्त्री, समाजशास्त्री और कूटनीतिज्ञ के तौर पर लोकप्रिय हैं. उन्होंने अपने जीवन में तमाम अनुभवों से नाम कमाया. उनकी नीतियों पर चलकर ही एक साधारण-सा बालक चंद्रगुप्त मौर्य वंश का सम्राट बना. आचार्य चाणक्य लगभग हर विषय, हर क्षेत्र में पांडित्य हासिल था. आचार्य चाणक्य ने अपनी नीति में ऐसी नीतियों का जिक्र किया है, जो व्यक्ति को परिवार, समाज और कार्यक्षेत्र हर जगह काम आ सकती है. यहां आचार्य चाणक्य ने मूर्खों से दोस्ती अथवा रिश्ता रखने से बचने की सलाह दे रहे हैं.

मूर्खश्चिरायुर्जातोऽपि तस्माज्जातमृतो वरः ।

मृतः स चाल्पदुःखाय यावज्जीवं जडो दहेत् ॥

इस श्लोक में चाणक्य मूर्ख पुत्र की निर्रथकता पर टिप्पणी करते हुए कहते हैं, कि एक मूर्ख पुत्र के दीर्घायु होने से बेहतर है कि वह जन्म लेते ही मर जाये, क्योंकि ऐसे पुत्र की मृत्यु पर एक ही बार दुख होता है, लेकिन जीवित रहते हुए वह बार-बार अपने माता-पिता को रुलाता और तकलीफ देता रहता है. यह भी पढ़ें : International Women’s Day: पद्मश्री से सन्मानित झारखंड की चामी मुर्मू ने तीन दशक में लगाए 30 लाख पेड़

दुनिया में ऐसे मूर्ख बच्चों के तमाम उदाहरण मिलते हैं कि मूर्ख पुत्रों ने विरासत में पाये विशाल साम्राज्य को धूल मिला दिया. पिता की मेहनत से कमाई अतुल सम्पत्ति को नष्ट-भ्रष्ट कर दिया. मानव तो स्वभाव से ही अपनी संतान को प्रेम करता है, परंतु इसके साथ ही वह यदि वास्तविकता से भी आंख मूंद ले तो फिर क्या हो सकता है.

मूर्खशिष्योपदेशेन दुष्टस्त्रीभरणेन च ।

दुःखितैः सम्प्रयोगेण पण्डितोऽप्यवसीदति ॥

इस श्लोक में आचार्य चाणक्य ने कहने की कोशिश की है कि मूर्ख शिष्य को पढ़ने और उपदेश देने से दुष्ट स्त्री का पालन-पोषण और साथ रहने से तथा दुखी एवं नकारात्मक लोगों के साथ से विद्वान और समझदार व्यक्ति भी दुखी रहने लगता है. इसलिए समझदार व्यक्ति को इन तीनों का साथ हमेशा के लिए छोड़ देने चाहिए.

मूर्ख पत्नी का सानिध्य

आचार्य चाणक्य के अनुसार अगर पत्नी मूर्ख है और पति ज्ञान की बात करता है तो ऐसी पत्नी के लिए पति किसी शत्रु से कम नहीं होता है. चाणक्य का मानना है कि ऐसी स्त्रियों से समय रहते दूरी बना लेनी चाहिए, वरना वह पति के लिए घातक साबित हो सकता है.

जो व्यक्ति स्वयं को बहुत ज्यादा बुद्धिमान समझता है, अथवा किसी नई चीज को समझने की कोशिश नहीं करता, वह भी समाज के लिए मूर्ख ही साबित होता है, क्योंकि नई नई चीजें सीखने से आपका ज्ञान बढ़ता है और आपको कोई मूर्ख भी नहीं बना सकता.