Sawan 2025: भगवान शिव का प्रिय माह सावन माह शुरु हो चुका है. इस दरमियान जहां भक्तों में अपने आराध्य शिव के प्रति आस्था का जुनून देखते बनता है, वहीं महिलाएं भी अपने साजो श्रृंगार में हरे रगों को विशेष प्राथमिकता देते हैं, फिर वह चाहे हरी साड़ी हो, हरी चूड़ियां हों, हरी बिंदी हो, या हाथों में मेहंदी हो. हिंदू मान्यताओं के अनुसार हरा रंग वैवाहिक सुख, सौभाग्य और समृद्धि का प्रतीक है.
हरा रंग प्रकृति और विकास का भी प्रतिनिधित्व करता है, जो सावन की हरियाली के साथ मेल खाता है. यहां हम जानेंगे कि महिलाएं सावन माह के दरमियान हरे रंग को अपने श्रृंगार में विशेष महत्व क्यों देते हैं..ये भी पढ़े:Sawan Somvar 2025 Greetings: सावन सोमवार की बधाई! शेयर करें ये मनमोहक WhatsApp Stickers, GIF Images, HD Wallpapers और Photo Wishes
हरा रंग ही क्यों?
हरा रंग प्रेम, प्रसन्नता प्रकृति के सौंदर्य का प्रतीक माना जाता है. इसलिए सावन माह में महिलाएं अपने श्रृंगार में हरे रंगों को प्राथमिकता देते हुए प्रकृति के प्रति आभार व्यक्त करते हुए अपनी खुशियों का इजहार करती हैं. गौरतलब है कि हरा रंग सौभाग्य का भी प्रतीक माना जाता है, इसलिए सुहागन महिलाएं सावन माह में अपने श्रृंगार में हरे रंगों का विशेष रूप से इस्तेमाल करती हैं. शिव भक्तों में यह विश्वास व्याप्त है कि सावन माह में भगवान शिव की पूजा करने से माता पार्वती और भगवान विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त होती है.
क्या भगवान शिव को भी प्रिय है हरा रंग?
सावन माह में हर ओर हरियाली बिखरी होती है, पेड़-पौधे ताजे और सुंदर रहते हैं, जिससे मन को शीतलता प्राप्त होती है, इसलिए भगवान शिव को सावन और हरा रंग प्रिय है. इसलिए महिलाएं अपने इष्ट देव शिव को प्रसन्न करने के लिए हरा श्रृंगार करती हैं, साथ ही उन्हें भी और उन्हें भी भांग, धतूरा, बेलपत्र अर्पित करते हैं, जिसका रंग भी हरा होता है.
हरे रंग इस्तेमाल के कुछ अन्य कारण
धार्मिक महत्व: सावन भगवान शिव को समर्पित महीना है. हिंदू धर्म में मान्यता है कि शिव प्रकृति के हृदय में निवास करते हैं. हरा रंग प्रकृति से जुड़ा है और भगवान शिव को अर्पित किए जाने वाले बेलपत्र, भांग और धतूरा, भी हरे रंग के होते हैं.
वैवाहिक सुख और आशीर्वाद: हरा रंग विवाहिताओं के लिए एक शुभता का प्रतीक होता है. विवाहित महिलाएं देवी पार्वती का आशीर्वाद पाने के लिए हरे रंग की चूड़ियां, बिंदी और वस्त्र आदि पहनती हैं.
प्रकृति और उर्वरता: हरा रंग प्रकृति, विकास और उर्वरता का प्रतीक है। सावन में, परिदृश्य हरियाली से भरपूर होता है और महिलाओं द्वारा हरे रंग का उपयोग प्रकृति से उनके जुड़ाव और समृद्धि एवं कल्याण की उनकी इच्छा को दर्शाता है।
वैदिक ज्योतिष: वैदिक ज्योतिष में, हरा रंग बुध ग्रह से जुड़ा है, जो बुद्धि, संचार और व्यवसाय से संबद्ध है. मान्यता है कि सावन के दौरान हरा रंग पहनने से बुध से सकारात्मक ऊर्जा मिलती है, मानसिक स्पष्टता बढ़ती है और करियर में सकारात्मक विकास होता है.
भावनात्मक स्वास्थ्य: हरा रंग मन पर शांत प्रभाव डालने, तनाव कम करने और भावनात्मक संतुलन को बढ़ावा देने वाला माना जाता है. यह सावन मास के शांतिपूर्ण और आत्मनिरीक्षण पूर्ण वातावरण के साथ मेल खाता है.
फैशन और परंपरा: धार्मिक मान्यताओं से जुड़ी होने के बावजूद, सावन में हरा रंग पहनने की परंपरा एक लोकप्रिय फैशन ट्रेंड भी बन चुका है, महिलाएं अपने परिधानों और श्रृंगार में हरा रंग शामिल करना पसंद करती हैं.













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