Bird Flu: बर्ड फ्लू के आतंक के बीच उत्तर प्रदेश 'नियंत्रित क्षेत्र' घोषित, जीवित पक्षियों का आयात पूरी तरह से बैन
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: Pixabay)

लखनऊ: देश के विभिन्न हिस्सों में बर्ड फ्लू (एवियन इन्फ्लुएंजा) से अब तक सैकड़ों पक्षियों की मौत हो चुकी है. अब तक 10 राज्यों में बर्ड फ्लू (Bird Flu) की पुष्टि हुई है. राजस्थान, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और मध्य प्रदेश में बर्ड फ्लू के प्रकोप के मद्देनजर उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) को 'नियंत्रित क्षेत्र' घोषित किया गया है. सूबे की योगी आदित्यनाथ सरकार ने राज्य में जीवित पक्षियों के आयात पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है. बर्ड फ्लू के मद्देनजर सतर्कता बढ़ी : मृत पक्षियों की सूचना देने के लिए नियंत्रण कक्ष की स्थापना

आईसीएआर-एनआईएचएसएडी ने राजस्थान के टोंक, करौली, भीलवाड़ा जिलों और गुजरात के वलसाड, वडोदरा और सूरत जिलों में कौवों और प्रवासी और जंगली पक्षियों की मौत होने की पुष्टि की है. इसके अलावा, उत्तराखंड के कोटद्वार और देहरादून जिलों में भी कौवों की मौत होने की पुष्टि हुई है. नई दिल्ली में कौवों और संजय झील क्षेत्रों में बत्तखों की मौत होने की भी जानकारी मिली है.

इसके अलावा, परभानी जिले में मुर्गियों के बर्ड फ्लू से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है, जबकि महाराष्ट्र के मुंबई, ठाणे, दापोली और बीड में भी बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई है. हरियाणा में, इस बीमारी की रोकथाम और नियंत्रण के लिए संक्रमित पक्षियों की कुल्लिंग का काम जारी है.

एक केन्द्रीय दल ने हिमाचल प्रदेश का दौरा किया है और यह दल उपरिकेंद्र स्थलों की निगरानी करने और महामारी विज्ञान संबंधी जांच-पड़ताल करने के लिए 11 जनवरी को पंचकूला गई.

मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय ने राज्यों से जनता में जागरूकता पैदा करने और गलत जानकारी का प्रसार रोकने के लिए अनुरोध किया है. राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों से अनुरोध किया गया है कि जल निकायों, पक्षी बाजारों, चिड़ियाघरों, पोल्ट्री फार्मों आदि के आसपास निगरानी बढ़ाएं, पक्षियों के शवों का  उचित निपटारा करें और पोल्ट्री फार्मों में जैव-सुरक्षा को मजबूत बनाएं. इसके अलावा, कुल्लिंग परिचालनों के लिए आवश्यक पीपीई किटों और सहायक उपकरणों का भी पर्याप्त भंडारण किया जाएं.

सरकार ने राज्य पशुपालन विभागों से अनुरोध किया कि इस बीमारी की स्थिति की कड़ी निगरानी के लिए स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ प्रभावी संचार और तालमेल सुनिश्चित करें और इस बीमारी की मनुष्यों में फैलने की किसी भी संभावना को रोका जाए. हालांकि मानव में बर्ड फ्लू संचरण की अब तक कोई वैज्ञानिक रिपोर्ट सामने नहीं आई है.